बजट सत्र: सीएम भूपेश बोले- जल्द बनेगा पत्रकार सुरक्षा कानून, छत्तीसगढ़ के हित में लड़ने से नहीं हटेंगे पीछे…!
रायपुर। जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून भी बनेगा। छत्तीसगढ़ के हित के लिए अगर कुछ मांगना पड़े तो जरूर मांगेंगे और लड़ना पड़े तो पीछे नही हटेंगे। यह बात गुरुवार को सीएम भूपेश बघेल ने कही है। छत्तीसगढ़ में बनाए जाने वाले पत्रकार सुरक्षा कानून का तहत मीडियाकर्मी की सुरक्षा के लिए समिति बनाई जाएगी साथ ही जोखिम प्रबन्धन इकाईयां भी बनाई जाएगी, जो सुरक्षा उपायों को देखेंगीं। मीडियाकर्मियों को सुरक्षा दिए जाने के लिए उनका पंजीयन कराया जाएगा। जोखिम प्रबन्धन इकाई का तीन मीडियाकर्मी सुरक्षा समिति के मार्गदर्शन में कार्य करना होगा। मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के उपाय करने के लिए जोखिम प्रबन्धन इकाई व सुरक्षा समिति को हर आवश्यक सहायता करने व सुरक्षा उपाय करने की बाध्यता होगी।
प्रदेश में बनाए जा रहे इस कानून का प्रभाव समस्त छत्तीसगढ़ प्रदेश में होगा। जो छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से प्रभावशील होगा। अब तक मिली जानकारी के अनुसार जो भी भी जनसंचार माध्यम से जानकारी पहुंचाने का कार्य करेत हैं। संपादक, लेखक, समाचार संपादक, उप संपादक, फीचर लेखक, संवाददाता, FICHE, समाचार फोटोग्राफर, प्रूफरीडर, अनुवादक, प्रशिक्षु मीडियाकर्मी, ब्राडकॉस्टर, प्रिंटर, डिस्ट्रीब्यूटर, तकनीकी सहयोगी कर्मचारी जैसे- वाहन चालक, दुभाषिया या अन्य कोई ऐसा व्यक्ति जो समाचार, विचार, मत के संकलन व प्रसारण में नियमित रूप से संलग्न हों सभी को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
इन्हें भी मिलेगी सुरक्षा
– ऐसा व्यक्ति जो 6 माह में किसी मीडिया संस्थान से समाचार संकलन के लिए कम से कम 3 भुगतान प्राप्त कर चुका हो।
– ऐसा व्यक्ति जिसके फोटोग्राफ 3 माह की अवधि में कम से कम 3 बार प्रकाशित हुए हों।
– स्तंभकार या स्वतंत्र पत्रकार, जिसके कार्य 6 माह के दौरान 6 बार जनसंचार माध्यम से प्रकाशित हुए हों।
– ऐसा व्यक्ति जिसके विचार/ मत तीन माह के दौरान कम से कम 6 बार जनसंचार में प्रतिवेदित हुए हों।
– ऐसा व्यक्ति जिसके पास मीडिया संस्थान में कार्यरत होने का परिचय पत्र अथवा पत्र हो।
पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग
बता दें कि इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट द्वारा देशभर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किए जाने की मांग लगातार की जा रही है। इसका एक कारण पत्रकारों पर लगातार बढ़ते हमलों को देखते हुए कानून बनाए जाने की मांग चल रही है। एक सम्मेलन में छत्तीसगढ, बिहार, तमिलनाडु, केरल, बंगाल, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, ओड़िशा और हरियाणा के पत्रकारों द्वारा पत्रकार एक्ट बनाए जाने की मांग की थी
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