सिम्स हॉस्पिटल क्यों है कोमा में
बिलासपुर, नीलेश मसीह– बिलासपुर जिले का सिम्स हॉस्पिटल में आसपास के मरीज बड़ी आशा के साथ यहां पर इलाज कराने के लिए आते हैं, परंतु चिकित्सा की संपूर्ण व्यवस्था नहीं होने से मरीज और भी गंभीर रूप से बीमार होकर दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट होते हैं या जान को जोखिम उन्हें उठाना पड़ता है. यहां के डॉक्टर साहब सोनोग्राफी, डेंटल x-ray, टीएमटी लिथोट्रिप्सी, एंडोस्कोपी के लिए बाहर प्राइवेट जांच केंद्र का पता बताते हैं क्योंकि कमीशन का खेल चल रहा है और बेचारे सीधे-साधे दूर से आने वाले मरीज़ भटक जाते हैं इसी चक्कर में उनकी आर्थिक स्थिति भी कमज़ोर हो जाती है और इस सिम्स हॉस्पिटल के भरोसे उन्हें तमाम प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही पर्ची में लिखी सभी दवाइयां भी यहां उपलब्ध नहीं होती जिससे प्राइवेट मेडिकल स्टोर को बहुत ही फायदा होता है व उन्हें भी कुछ कमीशन मिल जाता है जिससे दोनों की रोजी-रोटी चलती रहती है. इधर मरीज़ चुपचाप अपनी बीमारियों से कराह रहा होता है.सिम्स का सोनोग्राफी मशीन 15 दिनों से बिगड़ा पड़ा है,
टीएमटी लिथोट्रिप्सी मशीन साल भर से बिगड़ा हुआ रखा है .
डेंटल x-ray मशीन वर्ष भर से धूल खाते हुए पड़ा है.
हड्डी से जुड़ी ऑपरेशन में काम आने वाली सी -आर्म मशीन ढाई साल से खराब पड़ी है ।
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