सरगुजा ज़िले के कुम्हर्ता गांव में लापता युवक की मौत के मामले में पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया है। पाँच दिन पहले गाँव के एक सूखे कुएँ से बरामद हुए शव की मौत शिकार के लिए लगाए गए हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से हुई थी। घटना के बाद आरोपी शव को करीब 500 मीटर दूर ले जाकर कुएँ में फेंककर फरार हो गए थे।
23 नवंबर को लापता हुआ था हरेंद्र
जानकारी के अनुसार, कुम्हर्ता निवासी हरेंद्र सिंह (27 वर्ष) 23 नवंबर को बच्चों के साथ मैनपाट गया था। वापसी पर वह गाँव के चौक के पास वाहन से उतरा और इसके बाद घर नहीं पहुँचा। परिवार ने उसकी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
25 नवंबर को कुएँ में मिला शव
दो दिन बाद ग्रामीणों ने एक अनुपयोगी कुएँ में युवक का शव पड़ा देखा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और शव को बाहर निकलवाया।
फॉरेंसिक टीम की जाँच में शरीर पर करंट से जलने के निशान मिले। पोस्टमॉर्टम में भी मौत की वजह करंट लगना ही पाई गई।
हाई टेंशन लाइन से जोड़कर फैलाया था करंट
जाँच के दौरान ग्रामीणों से मिली जानकारी में बड़ा खुलासा हुआ। पता चला कि गाँव के ही बुधवार सिंह, बलराम सिंह और मदन सिंह ने जंगली सूअर के शिकार के लिए खेत के किनारे जीआई तार बिछाकर उसे पास की 11 हजार वोल्ट लाइन से जोड़ दिया था।
पूछताछ में बुधवार सिंह ने स्वीकार किया कि करीब रात 8.30 बजे उन्हें हलचल की आवाज़ सुनाई दी। जब वे मौके पर पहुँचे, तो पाया कि करंट वाले तार की चपेट में आने से हरेंद्र की वहीं मौत हो चुकी थी। घबराहट में तीनों ने शव को उठाकर लगभग 500 मीटर दूर स्थित कुएँ में फेंक दिया और तार हटा कर छुपा दिया।
तीनों आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने बुधवार सिंह (65 वर्ष), मदन सिंह (50 वर्ष) और बलराम सिंह (55 वर्ष) को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में गिरफ्तार कर लिया।
तीनों के खिलाफ धारा 105, 238, 3(5) BNS तथा विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
अदालत में पेश करने के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

