आयोग की सुनवाई में मिला न्याय: महिला को लौटाए गए 50 लाख रुपये, कई मामलों में सुलह, कुछ में आगे की कार्रवाई के निर्देश

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला पंचायत भवन में महिला उत्पीड़न, पारिवारिक विवाद और संपत्ति संबंधी मामलों की जनसुनवाई की। इस दौरान कुल 22 मामलों पर सुनवाई हुई, जिनमें कई में पक्षकारों के बीच सुलह हुई, जबकि कुछ मामलों में आगे की जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए।


सबसे बड़ा मामला: महिला को वापस मिले 50 लाख रुपये

सुनवाई में सबसे महत्वपूर्ण मामला एक ऐसी महिला का था, जिसे प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद में फँसाकर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।
आयोग के हस्तक्षेप के बाद RERA से 50 लाख रुपये की राशि वापस दिलाई गई।
राशि वापस मिलते ही आवेदिका ने अपना आवेदन खुद वापस ले लिया।

डॉ. नायक ने इसे “तेज़ और प्रभावी न्याय का उदाहरण” बताया।


22 मामलों में रिश्तों, उत्पीड़न और भरण-पोषण पर चर्चा

जनसुनवाई में आए मामलों में शामिल थे—

  • पारिवारिक कलह
  • रिश्तों में तनाव
  • उत्पीड़न
  • कार्यस्थल पर व्यवहार
  • संपत्ति विवाद
  • भरण-पोषण से जुड़े मामले

कई मामलों में दोनों पक्षों के बीच मौके पर ही सुलह हो गई।


अनुपस्थित पक्षकारों को अगली तारीख पर अनिवार्य उपस्थिति

महिला आयोग ने उन मामलों में नोटिस जारी किए हैं, जिनमें संबंधित पक्षकार उपस्थित नहीं हुए।

  • अगली सुनवाई में अनिवार्य उपस्थिति के निर्देश
  • कुछ मामलों में सखी सेंटर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई

डॉ. नायक बोलीं— “महिलाओं को सुरक्षित और न्यायपूर्ण वातावरण देना ही उद्देश्य”

महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा—

“आयोग का उद्देश्य महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाना, सुरक्षित वातावरण देना और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना है। जनसुनवाई इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”


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