MP–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी के सैकड़ों नक्सली 1 जनवरी को हथियार डालने को तैयार, प्रवक्ता अनंत ने जारी किया पर्चा — पहली बार खुले में जारी की रेडियो फ्रिक्वेंसी

राजेंद्र देवांगन
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रायपुर/बस्तर। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए यह एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़ (MMC) स्पेशल जोनल कमेटी के सैकड़ों नक्सलियों ने सरकार के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई है। नक्सली प्रवक्ता अनंत ने इस संबंध में बीते एक हफ्ते में दो पर्चे जारी किए हैं। अब नए पर्चे में 1 जनवरी को सामूहिक रूप से सरेंडर करने की बात कही गई है।


पहले 15 फरवरी कहा, अब 1 जनवरी—अनंत ने दूसरा पर्चा जारी किया

22 नवंबर को जारी पर्चे में अनंत ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री से 15 फरवरी तक का समय मांगा था।

लेकिन ताजा पर्चे में तारीख बदलकर 1 जनवरी कर दी गई।

अनंत ने अपील की—

“हम हथियार छोड़कर पुनर्वास योजना स्वीकार करना चाहते हैं। कृपया कुछ दिनों के लिए सुरक्षा बलों के ऑपरेशन रोकें।”


पहली बार नक्सलियों ने जारी की खुली रेडियो फ्रिक्वेंसी

अनंत ने अपने पर्चे में चौंकाने वाली बात लिखी—

  • बातचीत के लिए Baofeng रेडियो की ओपन फ्रिक्वेंसी 435.715 MHz जारी की
  • हर दिन सुबह 11 बजे से 11:15 बजे तक साथियों से संवाद करने की घोषणा

इतिहास में पहली बार किसी नक्सली संगठन ने सार्वजनिक रूप से अपनी संचार फ्रिक्वेंसी साझा की है। इसे सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों की गंभीर मंशा और कमजोरी दोनों का संकेत मान रही हैं।


इस बार PLGA सप्ताह नहीं मनाएंगे: अनंत

नक्सल प्रवक्ता ने अपने पर्चे में कहा—

  • सभी गतिविधियों को रोक दिया जाए
  • कोई भी हिंसक कदम सरेंडर प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है
  • इस वर्ष PLGA सप्ताह भी नहीं मनाया जाएगा

यह घोषणा नक्सल संगठन में चल रही उथल-पुथल और अंदरूनी बदलाव का बड़ा संकेत मानी जा रही है।


सतीश (छत्तीसगढ़) और सोनू (महाराष्ट्र) के सरेंडर का हवाला

अनंत ने कहा—

“छत्तीसगढ़ में सतीश और महाराष्ट्र में सोनू ने जैसे सरेंडर किया, हम भी तीन राज्यों के मुख्यमंत्री या गृहमंत्री के सामने हथियार रखेंगे।”


पहले जारी ऑडियो में भी सरेंडर की बात

पिछले दिनों 8 मिनट का एक ऑडियो सामने आया था जिसमें अनंत एक पत्रकार से बातचीत में कह रहा था—

“हमारी कमेटी हथियार डालने को तैयार है, लेकिन जनवादी केंद्रीयता के सिद्धांत पर चलते हुए अंतिम निर्णय सर्वसम्मति से लेना होगा, इसलिए हमें समय चाहिए।”


सरकार से मांग — 1 हफ्ते तक ऑपरेशन रोके जाएं

नए पर्चे में लिखा है—

  • सरेंडर प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई रोकी जाए
  • ताकि सभी नक्सली सुरक्षित रूप से सामने आ सकें
  • तीनों राज्यों के CM या HM के सामने सरेंडर की तैयारी

बस्तर में पहले ही सरेंडर की रफ्तार बढ़ी

बीते महीनों में बस्तर संभाग में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

  • दर्जनों IED बनाने वाले कैडर
  • LOS सदस्य
  • PLGA के सक्रिय सदस्य
  • महिला दस्ते के कई सदस्य

सरेंडर कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं। अब MMC जोनल कमेटी का ये सामूहिक सरेंडर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।


सरकार का रुख—“सरेंडर करने वालों को पूरा न्याय मिलेगा”

पहले जारी पर्चे पर CM साय ने कहा था—

“सरकार पहले से ही कह रही है कि हिंसा छोड़ो और मुख्यधारा में लौटो। जो हथियार डालकर आएंगे, उन्हें न्याय मिलेगा।”


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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)