बिलासपुर। प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का विरोध तेज हो गया है। गुरुवार को बिलासपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खराब सड़कों, बढ़े हुए बिजली बिल, धान खरीदी में अव्यवस्था, छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री रोक, और गरीबों की झोपड़ियों पर कार्रवाई जैसे मुद्दों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता कलेक्टोरेट का घेराव करने निकले, जिससे पूरे शहर में तनाव का माहौल बन गया।
सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ तीखे नारे लगाए।
उनका आरोप था कि—
- सड़कें बदहाल हैं
- बिजली बिलों में बेतहाशा बढ़ोतरी की गई है
- धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था चरम पर है
- छोटे भू-खण्ड की रजिस्ट्री रोककर आम आदमी पर बोझ डाला गया है
- गरीबों की झोपड़ियों को तोड़कर सरकार अत्याचार कर रही है
इन्हीं मुद्दों पर विरोध जताते हुए उन्होंने कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
पुलिस की कड़ी तैयारी, बैरिकेडिंग तोड़ निकले आगे
प्रदर्शन की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने पहले से ही भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया था।
- कलेक्टोरेट परिसर के पास बैरिकेडिंग लगाई गई
- भीड़ को रोकने की कोशिश की गई
लेकिन प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे। इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार धक्का-मुक्की हुई। कुछ देर के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
वज्र वाहन और वाटर कैनन का इस्तेमाल
स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने वज्र वाहन और वाटर कैनन से पानी की तेज बौछारें छोड़कर भीड़ को नियंत्रित किया।
- पानी की बौछारें कई मिनट तक चलती रहीं
- इसके बावजूद प्रदर्शनकारी कुछ देर तक डटे रहे
- इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया
बाद में पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया।
कांग्रेस का ऐलान — “जनता की समस्याएं हल न हुईं तो आंदोलन जारी रहेगा”
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब तक—
- सड़कों की मरम्मत,
- बिजली बिल की समस्या,
- धान खरीदी की अव्यवस्था,
- रजिस्ट्री रोक,
- और गरीबों पर कार्रवाई जैसे मुद्दों का समाधान नहीं होता,
उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है।
पुलिस बोली— “पूरी प्लानिंग के साथ व्यवस्था की गई थी”
CSP सिविल लाइन निमितेश सिंह ने बताया—
- कांग्रेस की कलेक्टोरेट तक मार्च की योजना थी
- पुलिस ने पहले से बैरिकेडिंग और अतिरिक्त बल की व्यवस्था कर ली थी
- प्रदर्शन के दौरान ट्रैफिक प्रभावित न हो, इसलिए रास्तों को डायवर्ट किया गया
- कोशिश की गई कि आम नागरिकों को कम से कम परेशानी हो

