नगर निगम की कार्रवाई महज दिखावा, अतिक्रमणकारी बेखौफ!

राजेन्द्र देवांगन
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सड़कें फिर से कब्जे में, निगम की लापरवाही पर उठे सवाल

रायगढ़ । शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने के दावे करने वाला नगर निगम खुद सवालों के घेरे में है। कार्रवाई के बाद भी अतिक्रमण फिर लौट आता है और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आते हैं। शनिचरी बाजार से लेकर तेलीपारा जुना तक की तस्वीरें निगम की नाकामी और कमजोर व्यवस्था को उजागर कर रही हैं।

कार्रवाई हुई, असर कुछ घंटों का ही रहा

नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी टीम ने कमिश्नर के निर्देश पर शनिचरी बाजार और मंगला क्षेत्र में सड़कों पर कब्जा जमाए दुकानदारों के सामान जब्त किए और दुकानें हटाईं।
लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही असरदार साबित हुई। निगम की तथाकथित सख्ती के बाद भी अतिक्रमणकारी इतने बेखौफ हैं कि कुछ ही घंटों में वहीं दोबारा दुकानें सजा लेते हैं।

शनिचरी बाजार बना निगम नाकामी का प्रतीक

शनिचरी बाजार इसका ताजा उदाहरण है। हाल ही में निगम ने यहां कार्रवाई कर सामान जब्त किया था, मगर अब फिर से सड़क पर दुकानें सज गई हैं। जिस सड़क पर दोबारा कब्जा हुआ है, वहां अब राहगीरों को गुजरना तक मुश्किल हो गया है।
ग्राहक अपने वाहन बीच सड़क पर खड़े कर देते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था बढ़ रही है। नगर निगम इस स्थिति से या तो अनजान है, या जानबूझकर लापरवाही बरत रहा है।

‘कमिश्नर की अनुमति’ का बहाना

जब अतिक्रमण शाखा अधिकारी से पुनः कब्जा जमाने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कमिश्नर की अनुमति का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया।

प्रश्न यह उठता है कि —

क्या हर बार कार्रवाई के लिए कमिश्नर की अनुमति जरूरी है?
क्या निगम अधिकारी सिर्फ जेसीबी चलवाकर फोटो खिंचवाने और प्रेस रिलीज़ देने तक ही सीमित रह गए हैं?

मिलीभगत की आंशका, निगरानी नदारद

बार-बार की गई कार्रवाई के बावजूद अगर अतिक्रमण दोबारा लौट आता है, तो यह निगम की नाकामी ही नहीं, बल्कि मिलीभगत की आंशका भी पैदा करता है।
निगरानी और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी आखिर कौन निभा रहा है?
अगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों की निरंतर मॉनिटरिंग नहीं होगी, तो यह सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा।

सख्त और निरंतर नीति की दरकार

शहरवासियों को राहत तब ही मिलेगी जब नगर निगम सिर्फ दिखावटी कार्रवाई नहीं, बल्कि सख्त और निरंतर निगरानी वाली नीति अपनाएगा।
वरना कब्जाधारी यूं ही सड़कों पर राज करते रहेंगे और आम जनता को परेशानियां झेलनी पड़ेंगी।

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