मुंगेली —जिलेभर में शारदीय नवरात्र पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक माता दुर्गा के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। जगह-जगह भव्य झांकी, आकर्षक रोशनी और देवी दरबारों में धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इसी कड़ी में पंडरिया रोड स्थित माँ आँगरमोती मंदिर में भक्तों द्वारा 31 घी कलश दीप प्रज्वलित कर माता की विशेष सेवा की जा रही है। मंदिर परिसर में सुबह-शाम भक्ति गीतों और जयकारों से वातावरण गूंज रहा है। श्रद्धालुओं का मानना है कि नवरात्र में दीपदान और कलश पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं, धर्म नगरी सेतगंगा धाम स्थित श्री सिद्धेश्वरी महामाया धाम में भी नवरात्र पर्व की भव्यता देखते ही बन रही है। यहां गंगा मनोकामना ज्योति कलश के रूप में विशेष अनुष्ठान हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं ने अब तक 375 घृत (घी) और 08 तेल के कलशों से ज्योति प्रज्वलित की है। इस अद्भुत दृश्य को देखने सुबह से लेकर देर शाम तक जिले ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। धाम परिसर में सुबह 7:00 बजे और शाम 7:30 बजे की आरती में बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं। आरती के समय पूरा परिसर “जय माता दी” के गगनभेदी नारों से गूंज उठता है। माता के दरबार में विशेष श्रृंगार, भजन संध्या और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी प्रतिदिन किया जा रहा है। इस पूरे आयोजन की व्यवस्था महामाया सेवा समिति सेतगंगा के तत्वावधान में की जा रही है। सोशल मीडिया प्रचारक जगदीश देवांगन ने बताया कि नवरात्र पर्व के दौरान हर दिन विशेष पूजन-अर्चन, भजन-कीर्तन और कन्या पूजन का कार्यक्रम रखा गया है।
जिले के अन्य देवी मंदिरों में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। घर-घर में घट स्थापना के साथ व्रत-उपवास और भजन कीर्तन का माहौल बना हुआ है। नवरात्र के अवसर पर धार्मिक वातावरण में हर ओर आस्था और भक्ति की गंगा बह रही है। कुल मिलाकर मुंगेली जिले में नवरात्र पर्व आस्था और भक्ति का महापर्व बन गया है, जहां माता रानी की आराधना के साथ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना कर रहे हैं। श्वेतगंगा धाम में नर्मदा मैया बारिश के समय में स्वयं प्रकट होती है जो मंदिर प्रांगण में महामाया मंदिर व श्री राम मंदिर में बोर में बिना लाइट के ही ओवरफ्लो पानी 24 घंटे चलते रहता है यह श्वेतगंगा गंगानगरी की सौभाग्य की बात है नर्मदा मैया स्वयं प्रकट हुई है। जहां हजारों श्रद्धालु महामाया दर्शन के साथ-साथ बोर का नर्मदा मैया देखते हैं और खुशी जाहिर करते हैं।




