फार्मासिस्ट स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ : सुश्री वंदना देवांगन

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर आज 25 सितंबर को पूरे विश्व में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस नवरात्रि के शुभ गुरुवार को मनाया जाएगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री वंदना देवांगन ने कहा कि “फार्मासिस्ट स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। जहां दवा, वहां फार्मासिस्ट, बिना फार्मासिस्ट दवाइयां नहीं बन सकतीं और बिना दवा इलाज संभव नहीं इसलिए डॉक्टर और फार्मासिस्ट दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं।”

उन्होंने कहा कि दवाओं के रख-रखाव, सही उपयोग, परामर्श देने और दवाओं के दुष्परिणामों की जानकारी प्रदान करने में फार्मासिस्ट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज में दवाओं के दुरुपयोग और स्व-औषधि सेवन को रोकने में भी फार्मासिस्ट अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

👉 फार्मासिस्ट का कार्य

दवाओं का सुरक्षित भंडारण और सही वितरण

रोगियों को दवा सेवन की सटीक जानकारी और परामर्श देना

दवाओं के दुष्प्रभावों से रोगियों को बचाना

दवाओं के दुरुपयोग व गलत सेवन की रोकथाम

स्वास्थ्य सेवाओं और जनजागरूकता अभियानों में सक्रिय योगदान

👉 फार्मासिस्ट डे क्यों मनाया जाता है?
विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने का उद्देश्य है –

समाज को यह बताना कि फार्मासिस्ट केवल दवा प्रदाता नहीं, बल्कि जन स्वास्थ्य के प्रहरी हैं।

लोगों को सुरक्षित, प्रभावी और सुलभ दवा उपचार उपलब्ध कराना।

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और रोग निवारण में उनकी भूमिका को रेखांकित करना।

इस अवसर पर अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के सभी फार्मासिस्टों ने संकल्प लिया कि वे प्रत्येक मरीज को सही दवा, सही परामर्श और ईमानदारीपूर्ण सेवा उपलब्ध कराते रहेंगे। साथ ही ग्रामीण और शहरी स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाकर स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।

“फार्मासिस्ट केवल दवाओं के प्रदाता ही नहीं, बल्कि समाज के स्वास्थ्य रक्षक भी हैं।”

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