रायपुर/-छत्तीसगढ़ श के राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा महिला जन सुनवाई आयोजित की गई जिसमें 35 प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सुनवाई की गई है। 5 अन्य प्रकरणों में पीड़ित महिलाएं जन सुनवाई स्थल पर उपस्थित होकर अपनी शिकायतें सीधे आयोग के समक्ष प्रस्तुत करी जिनको संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही की गई हैं। यह पहल महिलाओं की शिकायतों के त्वरित निवारण हेतु राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार अभियान के अंतर्गत की गई हैं।
छत्तीसगढ़ को मिला राष्ट्रीय महिला आयोग का सहयोग:
राष्ट्रीस महिला आयोग ने जन सुनवाई में पीड़ित महिलाओं की समस्या का समाधान करते हुए तुरंत आदेश जारी किए जिससे पीड़िताओं को राहत मिली साथ ही लंबे समय से चल रही प्रकरणों को संज्ञान में ले कर कार्यवाही किया गया जिसकी सराहना करते हुए सभी ने धन्यवाद किया है ।
पीड़िताओं को अब नहीं लगना पड़ेगा दिल्ली का दौरा:
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने आज राजधानी रायपुर स्थित कलेक्टर रेडक्रॉस भवन में प्रेसवार्ता आयोजित की. मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की समस्याओं को नजदीक से समझने और उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से आयोग अब हर राज्य में जाकर जनसुनवाई कर रहे है।
इस प्रेसवार्ता में रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) लाल उमेद सिंह और संभाग आयुक्त महादेव कावरे के साथ सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
विजया रहाटकर ने कहा, “पहले महिलाओं को अपनी शिकायत लेकर दिल्ली आना पड़ता था, जो उनके लिए कठिन होता था. इसी वजह से हमने तय किया कि अब हम हर प्रदेश में जाकर महिलाओं की समस्याएं सीधे सुनेंगे और मौके पर ही समाधान का प्रयास करेंगे.”
उन्होंने आगे बताया कि जनसुनवाई की शुरुआत दिल्ली से की गई थी और अब यह प्रक्रिया देशभर में चल रही है. आयोग की कोशिश रहती है कि संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में ही मामलों का निपटारा हो, ताकि महिलाओं को तुरंत राहत मिल सके।
उन्होंने कहा, “आज हम रायपुर आए हैं और जो बहनें अपनी समस्याएं लेकर आई हैं, उनके मामलों का भी हम यथासंभव त्वरित समाधान करेंगे.”
40 मामलों में तुरंत समाधान:
धनबाद में घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए, राष्ट्रीय महिला आयोग की माननीय सदस्य श्रीमती ममता कुमारी ने आज एक जनसुनवाई का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 35 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें 5 नए मामले भी शामिल थे। उन्होंने सभी मामलों का त्वरित समाधान करने का निर्देश दिया।
1) प्रकरण:
जनसुनवाई के दौरान झरिया के एक वृद्ध दंपति ने अपनी समस्या साझा की। वृद्ध ने बताया कि वह 2009 में धनबाद प्रखंड कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे और उनके पुत्र द्वारा पेंशन में से हिस्सा देने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। झरिया थाना में शिकायत करने पर उन्हें सहायता मिली और दंपति ने पुलिस की सराहना की।
2) प्रकरण:
महिला थाना की एक गंभीर मामला जिसमें सिर्फ पति पर FIR हुआ था उसमें सभी आरोपियों पे FIR कर गिरफ्तारी करते हुए पीड़िता को उसका सामान वापसी और केस में उचित धाराएं जैसे 420 व अन्य जोड़ने का आदेश जारी किया है। महिला थाना को फटकार लगाते हुए इस मामले में ठोस कार्रवाई करने और जल्दी पीड़िता को न्याय दिलाने कहा गया है।
3) प्रकरण:
प्रकरणों की सुनवाई करते हुए एक पीड़िता के केश में कहा पति लापता है और अन्य आरोपी पर FIR नहीं हुआ उनपर भी कार्यवाही की जाए।
4) प्रकरण:
पति पत्नी के बीच विवाद को निपटारा करते हुए पति के खिलाफ कार्यवाही करने और उसके कार्य स्थल पर जांच करने का आदेश जारी किया।
5) प्रकरण:
महिला को उसके आफिस कर्मचारी द्वारा SMS, सोशल मीडिया से बदनाम करने की कोशिश की गई जिसपर पुलिस विभाग ने एक व्यक्ति की गिरफ्तारी किया है बाकी अन्य आरोपी पर जल्दी कार्यवाही का आदेश दिया है ।
6) प्रकरण:
फर्जी कागजात बना कर आरोपी दूसरों की जमीन को अपना बताते हुए बेच दिया उसपर कार्यवाही की गई है।
ऐसे ही सभी 40 मामलों में तुरंत समाधान करते हुए सभी पीड़िताओं को राहत दिलाई गई।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक:
सुनवाई के बाद, माननीय सदस्य ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक बैठक की। जिसमें महिला थाना रायपुर, बलौदा बाजार थाना को निष्पक्ष जांच करने और मामलों में ठोस कार्रवाई करने को कहा साथ ही फटकार भी लगाया। इस बैठक में धनबाद मंडल कारा, वन स्टॉप सेंटर, वृद्धा आश्रम और सदर अस्पताल के सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
तलाक के मामलों पर चिंता:
तलाक के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए, श्रीमती कुमारी ने कहा कि सभी जिलों में प्री मैरिज काउंसलिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि तलाक के बढ़ते मामलों से समाज की नींव कमजोर हो रही है, जो अत्यंत दुखद है। काउंसलिंग सेंटर में विवाह का सही अर्थ समझाया जाएगा।
महिलाओं के अधिकारों की जागरूकता:
महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार , धोखा धडी और दहेज प्रताड़ना पर चिंता जताते हुए, उन्होंने कहा कि हर महिला को सम्मान से जीने का अधिकार है। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव भी दिया गया।
साइबर क्राइम पर ध्यान:
माननीय सदस्य ने साइबर क्राइम को कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से रोकने के प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पुलिस की प्राथमिकता:
कार्यक्रम के अंत में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रभात कुमार ने कहा कि आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा और महिलाओं के लंबित मामलों की समीक्षा की जाएगी। धनबाद पुलिस के लिए महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार और प्रताड़ना की रोकथाम प्राथमिकता रहेगी।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, नगर आयुक्त, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, ग्रामीण एसपी, सिटी एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रशासन और पुलिस विभाग के अच्छे कार्यों में उनको सराहना भी मिली है।