इंदौर, 27 अप्रैल 2025: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर आज “MP टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025” की मेजबानी कर रहा है। इस आयोजन में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, NVIDIA, और देशी कंपनियां जैसे इम्पेटस टेक्नोलॉजीज, अपॉइंटी, और यश टेक्नोलॉजीज हिस्सा ले रही हैं। कॉन्क्लेव के साथ ही सरकार ने इंदौर, उज्जैन, और रीवा में नए आईटी पार्कों के निर्माण की गति तेज कर दी है, जिनसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 25,000 नौकरियां सृजित होने का दावा किया जा रहा है।
इंदौर: पांचवें आईटी पार्क के साथ देश का पहला शहर
इंदौर जनवरी 2026 तक देश का पहला शहर बन जाएगा, जहां पांच आईटी पार्क होंगे। वर्तमान में क्रिस्टल, अतुल्य, और सिंगवासा आईटी पार्क पूर्ण क्षमता के साथ कार्यरत हैं। दो नए पार्क—आईटी पार्क 3 (खंडवा रोड, 6 एकड़, 19 मंजिला) और आईटी पार्क 4 (परदेसीपुरा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्प्लेक्स, 3,785 वर्ग मीटर)—का निर्माण तेजी से चल रहा है।
- आईटी पार्क 3: 38% काम पूरा, दिसंबर 2025 तक तैयार। 1,000 करोड़ का निवेश, 15,000 नौकरियां।
- आईटी पार्क 4: 30% काम पूरा, जनवरी 2026 तक तैयार। 500 करोड़ का निवेश, 4,000 नौकरियां।
इन पार्कों में प्लग एंड प्ले, स्पेस खरीद, और भूखंड आवंटन के तीन मॉडल अपनाए जाएंगे, ताकि कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से काम शुरू कर सकें।
उज्जैन: पहला आईटी पार्क, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता
उज्जैन में इंजीनियरिंग कॉलेज के पास 46 करोड़ रुपये की लागत से 1.25 लाख वर्ग फीट का आईटी पार्क बनाया जा रहा है। एमपीआईडीसी के राजेश राठौर के अनुसार, यह पार्क टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स को अत्याधुनिक सुविधाएं देगा, और इसकी क्षमता 3 लाख वर्ग फीट तक बढ़ाई जा सकती है। स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
रीवा: 54 करोड़ का दस मंजिला आईटी पार्क
रीवा में सिरमौर चौराहे के पास 54 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 लाख वर्ग फीट का दस मंजिला आईटी पार्क तैयार हो रहा है। इसमें सोलर पैनल, भूकंपरोधी डिजाइन, वाटर हार्वेस्टिंग, और बेसमेंट पार्किंग जैसी सुविधाएं होंगी। इसके साथ ही ज्वेलरी जेम्स पार्क की भी योजना है।
आगे की जरूरत: SEZ और नॉन-SEZ पार्क
आईटी विशेषज्ञों के अनुसार, इंदौर B-श्रेणी के आईटी हब में अहमदाबाद, जयपुर, और रायपुर को पछाड़कर नंबर-1 है। अगले तीन साल में इंदौर को एक SEZ और एक नॉन-SEZ आईटी पार्क की जरूरत होगी। प्राइवेट सेक्टर में पंचशील टेक्नो पार्क का भूमिपूजन आज मुख्यमंत्री करेंगे।
इंदौर की ताकत: क्यों बन रहा आईटी हब?
इंदौर की विशेषताएं इसे आईटी कंपनियों की पसंद बना रही हैं:
- कम लागत: बेंगलुरु, हैदराबाद की तुलना में किराया और ऑपरेशनल लागत कम।
- कनेक्टिविटी: 90+ दैनिक उड़ानें, 26 शहरों से सीधी फ्लाइट, शारजहां तक अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी।
- स्वच्छता: 7 बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर, जो पेशेवरों को आकर्षित करता है।
- खानपान: 15 देशों के व्यंजन और FSSAI-प्रमाणित स्ट्रीट फूड।
- शिक्षा: IIT और IIM का एकमात्र शहर, जो टैलेंट पूल प्रदान करता है।
कॉन्क्लेव का महत्व
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर आयोजित यह कॉन्क्लेव मध्य प्रदेश को टेक्नोलॉजी और डिजिटल नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 300+ आईटी और BPO कंपनियां, 1,000+ स्टार्टअप्स, और 18,000 करोड़ रुपये का आईटी निर्यात इंदौर की ताकत दर्शाता है। सरकार माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, और IBM जैसे दिग्गजों को आकर्षित करने की योजना बना रही है।