गरियाबंद: टीबी से जूझती 70 साल की महिला ने राष्ट्रपति को अपने खून से लिखा पत्र, पुश्तैनी जमीन बचाने की लगाई गुहार

राजेंद्र देवांगन
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गरियाबंद | 21 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से एक भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है। टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ओम बाई ने पुश्तैनी जमीन बचाने की गुहार लगाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने खून से पत्र लिखा है।

क्या है मामला?

गरियाबंद जिले के छुरा क्षेत्र की निवासी ओम बाई का गांव के ही संतोष सारडा से जमीन को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है। महिला का आरोप है कि विवादित जमीन उसकी पुश्तैनी संपत्ति है, जिस पर पूर्वजों की समाधि (मठ) भी मौजूद थी।

लेकिन आरोप है कि संतोष सारडा ने न सिर्फ मठ को ढहा दिया, बल्कि जमीन पर कब्जा भी कर लिया और महिला से बदसलूकी की। ओम बाई ने कई बार कलेक्टर सहित जिले के उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

खून से लिखा राष्ट्रपति को पत्र

थक-हारकर महिला ने अपने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा। जानकारी के अनुसार, वह पास की एक पैथोलॉजी लैब गईं, जहां उन्होंने अपना खून निकलवाया और उसी खून से राष्ट्रपति को जमीन विवाद की पूरी आपबीती बताई। पत्र के साथ उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा की अपील की है।

प्रशासन का पक्ष

इस संबंध में छुरा तहसीलदार रमेश मेहता ने बताया कि, “यह विवाद पिछले तीन साल से चल रहा है और राजस्व अधिनियम के तहत फैसला संतोष सारडा के पक्ष में आया था। जमीन पर कब्जा भी उन्हें वैधानिक रूप से दिलाया गया था। मठ तोड़ने की घटना के बारे में हमें जानकारी नहीं थी, लेकिन जांच की जाएगी।”


महिला की पीड़ा बनी न्याय व्यवस्था पर सवाल

टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही ओम बाई की यह कहानी न सिर्फ प्रशासनिक संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि न्याय व्यवस्था की पहुंच से वंचित लोगों की गहरी पीड़ा को भी दर्शाती है।


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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)