कोंडागांव जिले में वन सीमा सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत, 24 अप्रैल तक चलेगा अभियान। सीमांकन, वृक्षारोपण और जनजागरूकता गतिविधियों पर दिया जाएगा जोर।
कोंडागांव में शुरू हुआ वन सीमा सुरक्षा सप्ताह, सीमांकन और संरक्षण पर रहेगा फोकस
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में वन सीमा सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है। यह अभियान 19 अप्रैल से 24 अप्रैल 2025 तक जिले के विभिन्न वन क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य वन सीमाओं का स्पष्ट सीमांकन, वृक्षारोपण, तेंदूपत्ता तोड़ाई और जनजागरूकता गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
फरसगांव के लंजोडा परिसर का निरीक्षण
शुक्रवार को कार्यक्रम के तहत केशकाल वनमंडल के अंतर्गत फरसगांव परिक्षेत्र के लंजोडा परिसर का निरीक्षण वनमंडलाधिकारी गुरुनाथन एन ने किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वन अमले को मुनारा सत्यापन, वृक्षारोपण, और तेंदूपत्ता तोड़ाई से जुड़ी कार्ययोजना पर दिशा-निर्देश दिए।
सीमांकन से कम हुए वन विवाद
गुरुनाथन ने बताया कि पंचवर्षीय सीमांकन योजना के अंतर्गत हर साल वन क्षेत्र की पांचवी हिस्से का सीमांकन किया जाता है। मुनारों (सीमा चिन्हों) की मरम्मत और निर्माण के चलते सीमा विवादों में कमी आई है और वन सुरक्षा को मजबूती मिली है।
उन्होंने यह भी कहा कि सीमाओं का स्पष्ट सीमांकन वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण रोकने में मददगार साबित हो रहा है।
जनजागरूकता गतिविधियों का आयोजन
कार्यक्रम के दौरान जनसहभागिता और जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान में वन संरक्षण और पर्यावरण संतुलन से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस मौके पर प्रशिक्षु IFS अधिकारी गौतम नारायण पादिभर, उप वनमंडलाधिकारी टी.आर. मरई, और फरसगांव परिक्षेत्र अधिकारी आर.एस. यादव समेत कई वन अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

