रायपुर के कन्हैरा गांव में हाल ही में 50 गायों की मौत के बाद प्रदेश में गाय और गौठान का मुद्दा एक बार फिर से राजनीति के केंद्र में आ गया है। इस बार यह मुद्दा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एक महत्वपूर्ण बैठक के चलते चर्चा में आया, जिसमें कांग्रेस शासनकाल की गौसेवा योजनाओं पर भी बात हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान जो गौठान बनाए गए थे, उन्हें बीजेपी ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया। अब वही सरकार दोबारा उसी मॉडल को अपनाने की बात कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अब किस मुंह से बीजेपी गौठान मॉडल को फिर शुरू करने की बात कर रही है?
भूपेश बघेल ने यह भी दावा किया कि RSS की बैठक में यह बात सामने आई कि कांग्रेस सरकार की पशु संरक्षण योजनाएं कारगर थीं, जिन्हें बंद कर देना गलत फैसला था।
गोबर पेंट योजना भी ठप
भूपेश ने यह भी आरोप लगाया कि गोबर खरीद योजना के तहत किसानों को अब तक भुगतान नहीं मिला है। कांग्रेस शासन में जरवाय में बनने वाला नैचुरल गोबर पेंट एक सफल परियोजना थी, जिसे वर्तमान सरकार हतोत्साहित कर रही है।
जांच समिति की रिपोर्ट: जहरीला चारा और दूषित पानी बनी मौत की वजह
कन्हैरा में गायों की मौत की जांच के लिए बनाई गई समिति ने गंभीर खुलासे किए हैं। समिति के संयोजक और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने बताया कि गौठान बंद होने के कारण मवेशी सड़कों पर भटक रहे हैं और उन्हें उचित चारा-पानी नहीं मिल पा रहा है।
जांच में सामने आया है कि गायों ने जहरीला चारा और केमिकल युक्त पानी पी लिया था, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी और अंततः मौत हो गई। समिति ने बताया कि इलाके में बड़ी मात्रा में सड़ा-गला पशु आहार डंप किया गया था, जिसे गायों ने खा लिया। यह स्थिति गौठान के बंद होने की वजह से पैदा हुई है।
कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द गौठानों को दोबारा शुरू करे और पशुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।