सुकम के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आदिवासियों को नया अवसर:ITBP ने 12 युवाओं 18 युवतियों को उत्तर प्रदेश भेजा, देश की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
.रति कांत बेहेरा कमाण्डेन्ट, द्वितीय वाहिनी, के.रि.पु.बल के दिशा निर्देश पर 16 वीं ट्राईवल यूथ एक्सचेन्ज प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा जिला के आदिवासी युवाओं व युवतियों को सी0आर0पी0एफ0 के 02 वीं वाहिनी के सौजन्य से नेहरू युवा केन्द्र जगदलपुर (छ.ग) के द्वारा दूसरे विकसित राज्य में भेजकर वहॉ के संस्कृति तथा विकास से रूबरू कराने हेतु सुनहरा मौका दिया गया है। जिसमें इनको देश के प्रगतिशील क्षेत्र के गतिविधियों व विकास को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा।
02 वीं वाहिनी, सी0आर0पी0एफ0 सुकमा द्वारा 17 मार्च से 23 मार्च/2025 तक युवाओं को जागरूक करने के मकसद से नेहरू युवा केन्द्र संगठन की सहायता से सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित ईलाके जैसे छिंदगढ़, कुकानार, पुसपल, गोरली, पोलमपल्ली, कोर्रा, इर्राबोर, आरागट्टा, तुर्रेपाल एवं गादीरस आदि के युवाओं/युवतियों को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) भ्रमण के लिए भेजा जा रहा है। ताकि वे इस शहर का विकास नजदीक से देख सकें और वापस आने पर अपने क्षेत्र के लोगों को इससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारी को साझा कर सकें व अपने क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकें। युवाओं के मार्गदर्शन हेतु सी0आर0पी0एफ0 के पुरूष एवं महिला कार्मिकों को भी इनके साथ वाराणसी (उत्तर प्रदेश) भेजा गया है।
इस कार्यक्रम के तहत 12 युवाओं और 18 युवतियों को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) भ्रमण के लिए भेजा जा रहा है। इस मौके पर 02 वीं बटालियन के. अनामी शरण द्वितीय कमान अधिकारी, द्वितीय वाहिनी के.रि.पु.बल के द्वारा हरी झण्डी दिखा कर भ्रमण के कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस मौके पर 02 वी वाहिनी के राजेन्द्र कुमार, सहा. कमाण्डेन्ट तथा द्वितीय वाहिनी के अधीनस्थ अधिकारी व जवान उपस्थित थे।
भ्रमण पर जाने से पूर्व श्री रति कांत बेहेरा कमाण्डेन्ट, द्वितीय वाहिनी, के.रि.पु.बल के मार्गदर्शनानुसार श्री अनामी शरण द्वितीय कमान अधिकारी, द्वितीय वाहिनी के.रि.पु.बल ने सभी युवाओं व युवतियों को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम होली की हार्दिक शुभकामनाएं दी एवं उन्होने बताया कि होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, होली समाज में प्रेम, भाईचारे और एकजुटता का संदेश देती है इसलिए इसे रंगो का त्योहार भी कहा जाता है, यह पर्व सामाजिक भेदभाव को मिटाकर प्रेम और उत्साह का संदेश देता है इसके साथ ही उन्होने यह आशा जताई कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का मुख्य उद्द्ेश्य यहॉ के युवाओं को बाहरी संस्कृति एवं विकसित कार्यो से रूबरू करवाया जा सके। जिससें यहॉ के युवा भ्रमण के दौरान अपने विचारों को दूसरों के साथ आदान-प्रदान कर सकें और वहॉ की संस्कृति व विकास की जानकारी हासिल कर सकें और जब वह वापस आयें तो एक नई सोच के साथ अपने गॉव में इसकी चर्चा करें। जिससे यहॉ के अधिक से अधिक लोग देश की मुख्य धारा से जुड़ सकें। अनामी शरण द्वितीय कमान अधिकारी, द्वितीय वाहिनी के.रि.पु.बल ने युवाओं से यह भी अपील किया कि इस कार्यक्रम के तहत वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में होने वाले विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा भाषण प्रतियोगिता में सभी युवा व युवति बढ़-चढ़ कर भाग लें और अपने क्षेत्र व राज्य का नाम रोशन करें।

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