CG High Court: हाथियों की करंट मौत के मामले में हाईकोर्ट सख्त, दिया यह आदेश-छत्‍तीसगढ़ में शिकार और तस्‍करी का बढ़ा खतरा

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों की आवाजाही और रहवास के साथ-साथ उनके शिकार और तस्करी का खतरा भी बढ़ गया है। हाथियों के अंगों, विशेष रूप से हाथी दांत की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग और उच्च कीमतों के कारण शिकारियों की सक्रियता में वृद्धि हुई है। हाथी-मानव संघर्ष के बहाने शिकारियों द्वारा हाथियों का शिकार किया जा रहा है।

हाथियों की करंट मौत के मामले में हाईकोर्ट सख्त,

इसके अलावा, बिजली करंट से हाथियों की मौत के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा फॉरेस्ट रेंज में बिजली करंट से तीन हाथियों की मौत के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने पीआईएल (जनहित याचिका) के रूप में सुनवाई शुरू की है।

हाथियों के शिकार और तस्करी का बढ़ा खतरा

छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों की संख्या और उनकी आवाजाही के साथ-साथ शिकारियों की गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। हाथी दांत और अन्य अंगों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग और उच्च कीमतों के कारण शिकारियों की नजर हाथियों पर टिकी हुई है। हाथी दांत की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। शिकारी हाथी-मानव संघर्ष के बहाने हाथियों का शिकार कर रहे हैं और उनके अंगों की तस्करी कर रहे हैं।

हाथियों की मौत के सामने आए केस

रायगढ़ जिले के घरघोड़ा फॉरेस्ट रेंज और मुंगेली जिले के अचानकमार फॉरेस्ट रेंज में बिजली करंट से हाथियों की मौत के मामले सामने आए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन घटनाओं के पीछे शिकारियों का हाथ है। शिकारियों ने जानबूझकर बिजली के करंट का इस्तेमाल कर हाथियों का शिकार किया है।

बिलासपुर हाईकोर्ट में हो रही सुनवाई

रायगढ़ जिले के घरघोड़ा फॉरेस्ट रेंज में बिजली करंट से तीन हाथियों की मौत के मामले को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। कोर्ट ने कर्नाटक हाथी टास्क फोर्स की गाइडलाइन के पालन और राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि शपथ पत्र में जरूरी जानकारी शामिल करने के लिए समय की आवश्यकता है। महाधिवक्ता के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शपथ पत्र पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

10 सालों में हो चुकी है सैकड़ों हाथियों की मौत

पिछले 10 सालों में छत्तीसगढ़ सरकार ने हाथियों के संरक्षण पर लगभग 150 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके बावजूद, राज्य में 167 हाथियों की मौत हो गई। इनमें से 62 हाथियों की मौत बिजली करंट से हुई है, जबकि दो हाथियों को जहर देकर मार दिया गया है। बिजली करंट से हुई मौतों में से आधे से अधिक मामलों में शिकारियों का हाथ होने की आशंका है। शिकारियों ने जानबूझकर बिजली के करंट का इस्तेमाल कर हाथियों का शिकार किया है।

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