SpaDeX: इसरो का स्पेस डॉकिंग प्रयोग सफल, उपग्रहों को 3 मीटर तक लाया गया

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX) के तहत अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को 3 मीटर की दूरी तक लाने में सफलता हासिल की है। रविवार (12 जनवरी) को इस महत्वपूर्ण प्रयोग को अंजाम दिया गया। इसरो के अनुसार, एसडीएक्स-01 (चेजर) और एसडीएक्स-02 (टारगेट) उपग्रह अच्छे हालात में हैं और डॉकिंग के अगले चरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी

15 मीटर से 3 मीटर तक लाए गए उपग्रह

इसरो ने बताया कि दोनों उपग्रहों को पहले 15 मीटर की दूरी तक लाया गया, फिर उन्हें 3 मीटर तक करीब किया गया। इस दौरान उपग्रहों ने शानदार तस्वीरें और वीडियो भी कैप्चर किए हैं। डॉकिंग से पहले डेटा का गहन विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद अगले चरण में डॉकिंग प्रक्रिया पूरी होगी।

इसरो ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर अपडेट देते हुए लिखा—
“हम एक-दूसरे को 15 मीटर की दूरी से साफ देख सकते हैं। अब हम डॉकिंग के लिए सिर्फ 50 फीट की दूरी पर हैं।”
इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य छोटे अंतरिक्ष यानों के बीच अंतरिक्ष में डॉकिंग को सफलतापूर्वक प्रदर्शित करना है

SpaDeX मिशन: 30 दिसंबर को हुआ था लॉन्च

SpaDeX मिशन को इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को लॉन्च किया था।

  • इस मिशन में PSLV-C60 रॉकेट का उपयोग किया गया, जो श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित हुआ।
  • इस रॉकेट ने एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02 सहित 24 पेलोड को ले जाकर 475 किमी की कक्षा में स्थापित किया
  • दोनों छोटे अंतरिक्ष यान 20 किलोग्राम वजनी हैं और अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रयोग के लिए भेजे गए थे।

भारत बनेगा चौथा देश

अगर भारत SpaDeX मिशन में सफल होता है, तो यह अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

  • यह मिशन भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
  • अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक की आवश्यकता तब पड़ती है, जब किसी बड़े मिशन को पूरा करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च करने होते हैं

क्या है स्पेस डॉकिंग तकनीक?

स्पेस डॉकिंग तकनीक के तहत, दो या अधिक अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में एक-दूसरे से जुड़ते हैं

  • यह तकनीक अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण, ईंधन भरने और दीर्घकालिक मिशनों के लिए बेहद अहम होती है।
  • अगर भारत इस तकनीक में सफल होता है, तो भविष्य में अंतरिक्ष में ईंधन भरने, मॉड्यूलर स्पेस स्टेशन बनाने और गहरे अंतरिक्ष अभियानों को सफल बनाने में यह मील का पत्थर साबित होगा

SpaDeX मिशन की अगली बड़ी चुनौती अंतरिक्ष में सफल डॉकिंग होगी, जिसका डेटा विश्लेषण किया जा रहा है। इसरो इस ऐतिहासिक मिशन के अगले चरण के लिए तैयार है। 🚀

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