कोरोना से काफी हद तक जीत चुके है लड़ाई,गंभीर बीमारियों को न करें नजर अंदाज,चिकित्सकों से कराएं जांच-डॉ. दवे

राजेन्द्र देवांगन
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*कोरोना से काफी हद तक जीत चुके है लड़ाई,गंभीर बीमारियों को न करें नजर अंदाज,चिकित्सकों से कराएं जांच-डॉ. दवे*

कोरबा । कोरोनाकाल में लोग अस्पताल जाने से कतरा रहे थे। गंभीर बीमारियों को भी नजर अंदाज व छिपाने लगे थे। कोरोना से हम काफी हद तक लड़ाई जीत चुके है। इस परिस्थिति में गंभीर बीमारियों को नजर अंदाज व छिपाना नहीं चाहिए। जो भी स्वास्थ्यगत समस्या हो उसे अपने चिकित्सक से जांच करा उचित परामर्श लाभ लेना चाहिए। कोरोना काल में कोरोना से ज्यादा प्रदेश में अन्य बीमारियों से मौतें हुई है। मरीज कोरोना से डर रहे थे और गंभीर बीमारी में भी घर पर रह कर बीमारी बढ़ा रहे थे। देर से इलाज कराना घातक साबित हो सकता है। उक्ताशय की बातें मध्य भारत के प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपी सर्जन व मैनेजिंग एवं मेडिकल डायरेक्टर रामकृष्ण केयर हॉस्पीटल रायपुर के चिकित्सक डॉ. संदीप दवे ने न्यू कोरबा हॉस्पीटल में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं। डॉ. दवे दो दिवस के लिए के लिए एनके एच में उपचार सुविधा देने पहुंचे हुए है। डॉ. दवे ने चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना ने काफी हद तक जनजीवन को प्रभावित किया है। अब परिस्थितियां तेजी से बदल रही है। हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी और सामान्य दिनचर्या को अपनाना होगा। सोशल डिस्टेसिंग मास्क पहनना और हाथ धोना ही बचाव के प्रमुख तरीके है।
प्रदेश में रामकृष्ण हास्पीटल शीघ्र ही प्रदेश का पहला लीवर ट्रांसप्लांटटेशन करने का जा रहा है। कीडिनी ट्रांसप्लांट लगातार किया जा रहा है। कोविड वैक्सिनेशन को लेकर देश में जो लोग भी अफवाह फैला रहे है या भय का वातावरण निर्मित कर रहे है। वे निश्चित ही दोषी है और उनकी जगह जेल ही है। अफवाहों से सावधान रहकर कोरोना से जंग जीती जा सकती है। पत्रकार वार्ता में डॉ. संदीप दवे के साथ एनकेएच के संचालक डॉ. शोभराज चंदानी , डॉ. जीएल वाधवानी , डॉ.शंकर पालीवाल व रामकृष्ण हॉसपीटल रायपुर के सर्जन डॉ. अजीत मिश्रा एवं डॉ. सिद्धांत तामस्कर उपस्थित थे।

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