छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के कोटमसर गांव में हिरण के अवैध शिकार का मामला सामने आया है। फॉरेस्ट और वाइल्डलाइफ विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 22 किलो मांस जब्त किया। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 5-7 लोग फरार हैं।
ग्रामीणों ने जंगल में किया शिकार
सूत्रों के अनुसार, यह घटना कोटमसर गांव के जंगल की है। बताया जा रहा है कि 10-12 ग्रामीणों ने हिरण का शिकार किया और मांस को एक ग्रामीण के घर पर रखा। पकड़ा गया मांस पकाने की तैयारी के दौरान जब्त किया गया।

शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
फॉरेस्ट टीम ने मांस के साथ अन्य सामग्री भी जब्त की है। मुख्य वन संरक्षक (CCF) आरसी दुग्गा ने कहा,
“मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। हिरण का शिकार करना कानूनन अपराध है, जिसके लिए कम से कम तीन साल की जेल और 50 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। फरार आरोपियों की तलाश जारी है और उनके पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कानूनी प्रावधान और सजा
हिरण का शिकार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त सजा का प्रावधान है।
फॉरेस्ट विभाग का संदेश
CCF ने जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति गंभीर चेतावनी देते हुए कहा कि जंगली जीवों का शिकार न केवल प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं।
इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता और स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
