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आखिर 24 घंटे में ही क्यों रद्द हुई NET परीक्षा? जानें क्या थी वो खुफिया रिपोर्ट, जिसके चलते लेना पड़ा बड़ा फैसला..!

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आखिर 24 घंटे में ही क्यों रद्द हुई NET परीक्षा? जानें क्या थी वो खुफिया रिपोर्ट, जिसके चलते लेना पड़ा बड़ा फैसला..!
दिल्ली नीट परीक्षा के पेपर लीक और रिजल्ट में अनियमितता को लेकर छात्रों ने एनटीए के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, जिसकी जांच फिलहाल जारी है। दूसरी ओर 18 जून को हुई यूजीसी नेट की परीक्षा एक दिन बाद 19 जून को रद्द कर दी गई। इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि गड़बड़ी की आशंका के चलते इसे रद्द किया गया है।

नेट एग्जाम रद्द करने के साथ ही सरकार ने जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिए थे और सीबीआई ने 20 जून को इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर एक दिन में हुए एग्जाम को सरकार ने क्यों रद्द करवाया, चलिए इसकी वजह समझते हैं।

UGC नेट को लेकर सरकार मिली थी गड़बड़ी की जानकारी
दरअसल, यूजीसी नेट परीक्षा के संबंध में केंद्र सरकार को इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर द्वारा गड़बड़ी की जानकारी दी गई थी। बाद में सरकार ने यह भी बताया था कि नेट का पेपर डार्कनेट पर रिलीज हो गया था, जो कि इंटरनेट का एक कालाबाजार माना जाता है। इसके चलते ही सरकार ने नीट यूजी विवाद को देखते हुए एक्शन लिया और नेट एग्जाम्स रद्द कर दिए। साथ इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।

बता दें कि हर बार नेट के एग्जाम्स ऑनलाइन होते थे, लेकिन इस बार ये ऑफलाइन हुए थे। 18 जून को दो शिफ्ट में हुए इस एग्जाम में 9 लाख 8 हजार 580 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। शामिल हुए थे। इस एग्जाम के लिए 11,21,225 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन शामिल केवल 9,08,580 ही हुए थे।

केद्र सरकार द्वारा खुद बताया गया है कि खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पेपर डार्क नेट पर लीक हुआ था, जो कि आगे जाकर बड़े विवाद की वजह बन सकता था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि ये पेपर डार्कनेट पर लीक हुए थे। इसके चलते ही नीट विवाद से सबक लेकर सरकार ने प्रो एक्टिव स्टेप लेते हुए नेट एग्जाम्स को रद्द कर दिया है। वहीं इस पूरे केस की जांच अब सीबीआई ने शुरू भी कर दी है।

क्या होता है UGC NET?
यूजीसी नेट की बात करें तो यह यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट की नेशनल लेवल की प्रतियोगी परीक्षा है, जिसका आयोजन NTA द्वारा किया जाता है। बता दें कि यह परीक्षा साल में दो बार कराई जाती है। एक बार यह जून और दूसरी बार दिसंबर में होती है। पहले इस परीक्षा का आयोजन यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन द्वारा ही किया जाता था लेकिन अब NTA कराता है।

नदारद CCTV से लेकर असुरक्षित स्ट्रॉन्ग रूम तक, नीट एग्जाम सेंटर्स की समीक्षा में दिखी बदहालीUGC NET एग्जाम की क्यों होती है जरूरत?
यह परीक्षा देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं और दोनों पेपर के आधार पर JRF और/या असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्रता का निर्णय होता है। बता दें कि दोनों के कटऑफ अलग-अलग होते हैं, वहीं जेआरएफ मिलने वाले उम्मीदवारों को जेआरएफ के दौरान स्टाइपेंड भी मिलता और ये आगे चल कर रिसर्च या पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं।

अभ्यर्थियों के मन में बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर अब एग्जाम कब होगा, तो बता दें कि अभी तक एग्जाम की नई डेट सामने नहीं आई है और शिक्षा मंत्रायल या एनटीए की तरफ से इसको लेकर कोई घोषणा हुई है। सरकार द्वारा यह कहा गया है कि दोबारा एग्जाम की सूचना अभ्यर्थियों के साथ जल्द ही साझा की जाएगी।

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