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हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन, जिन्होंने JMM को झटका देकर ज्वाइन की BJP…!

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हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन, जिन्होंने JMM को झटका देकर ज्वाइन की BJP…!

झारखंड की राजनीति में कहा जाता है कि अगर दुर्गा सोरेन जिंदा होते तो उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। दूसरी ओर उनकी गैरमौजूदगी में सीता सोरेन हेमंत सोरेन का प्रभुत्व होने के बावजूद खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही थी।

गौरतलब है कि साल 2021 में सीता सोरेन की दोनों ही बेटियों राजश्री और जयश्री सोरेन ने अपने पिता के नाम पर एक पार्टी का गठन भी किया था, जिसका नाम दुर्गा सोरेन रखा गया था।।

उन्होंने इस पार्टी का गठन करने के पीछे मुख्य उद्देश्य बताया था कि वे इसके जरिए राज्य में भ्रष्टाचार, विस्थापन और जमीन की लूट समेत कई मुद्दों को उठाकर उनसे लोगों को मुक्ति
झारखंड की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आया है क्योंकि सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन ने पार्टी छोड़कर चंपई सोरेन सरकार को बड़ा झटका दिया है। इस मामले में उन्होंने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को चिट्ठी के जरिए अपना इस्तीफा भेज दिया। अहम बात यह है कि सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे में कहा है कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ एक बड़ी साजिश रजी जा रही है, जिससे में राज्य उथल-पुथल मच गई है।

सीता सोरेन का यह कदम हैरानी वाला इसलिए है क्योंकि वह JMM प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी है। सीता सोरेन झारखंड की ही दुमका विधानसभा सीट से तीन बार लगातार विधायक रही हैं लेकिन पिछले कई महीनों से वह पार्टी से नाराज चल रही थीं। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी नाराजगी के चलते अब उन्होंने पार्टी छोड़ दी है।

गौरतलब है कि सीता सोरेन की इस बगावत की तुलना उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी सपा की पूर्व नेता अपर्णा यादव से भी की जा रही है। अपर्णा ने भी सपा छोड़ बीजेपी जॉइन कर ली थी। दूसरी ओर आज झामुमो छोड़ने के तुरंत बाद ही सीता सोरेन ने बीजेपी जॉइन कर ली है।
डोनर नंबर 2 मेघा इंफ्रा ने एक ही द‍िन बॉन्‍ड के साथ ट्रस्‍ट के जर‍िए भी द‍िया चंदाखुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही थीं सीता सोरेन
बता दें कि 2009 में शिबू सोरेन के बड़े बेटे और जेएमएमएम के तत्कालीन महासचिव दुर्गा सोरेन की कोबारों में मौत हो गई थी।, जिसके बाद पार्टी में हेमंत सोरेन का कद बढ़ा था। इसके बाद जब सरकार बनी तो हेमंत सोरेन की सरकार की कैबिनेट में उनकी भाभी को जगह नहीं मिली थी।

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