छत्तीसगढ़दुर्घटना

हाथी ने ग्रामीण को कुचला,,, ग्रामीणों में आक्रोश,,, प्रशासन बेखबर

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हाथी ने ग्रामीण को कुचला,,, ग्रामीणों में आक्रोश,,, प्रशासन बेखबरकोरबा। कटघोरा वनमंडल में हाथियों का उत्पात कैसे थमेगा, इस बारे में वनविभाग के पास कोई योजना है ही नहीं। जनजागरण की कोशिशों का कोई खास असर जमीन पर नहीं दिख रहा है। इस बीच मध्यरात्रि को एनएच 130 में हाथी ने एक ग्रामीण को कुचल दिया। खबर है कि रात को जंगल घूमने के दौरान बाइक का पेट्रोल खत्म होने पर ग्रामीण पेट्रोल पंप की तरफ रूख कर रहा था।पिछली मध्य रात्रि 12.30 बजे यह घटना कोरबा जिले के चोरधवा गांव में हाईवे पर हुई। यह गांव बांगों पुलिस थाना और वन परिक्षेत्र केंदई के अंतर्गत आता है। झलियामुड़ा गांव का रहने वाला 55 वर्षीय नील सिंह पिता गंगाराम गोड़ इस घटना में मारा गया। उसे हाथी ने उठाकर पटक दिया। घटना स्थल पर ही ग्रामीण की मौत हो गई। जानकारी में बताया गया कि ग्रामीण रात्रि में जंगल की तरफ मौजूद था। उस दरम्यान बाइक का पेट्रोल खत्म होने पर वह नजदीक के फ्यूलर प्वाइंट की तरफ जा रहा था। अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे संख्या 130 से गुजरने के दौरान एक स्थान पर हाथी उसके करीब आ गया और यहां पर ग्रामीण की जिंदगी समाप्त हो गई। हाईवे से आवाजाही करने वालों में से किसी व्यक्ति ने इस बारे में पुलिस को अवगत कराया। रात में ही पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। जिसने शव को हटवाने की औपचारिकता पूरी की। 5 अगस्त को सुबह 6.30 बजे घटना की सूचना केंदई निवासी अकबर गोड़ 30 वर्ष ने बांगों पुलिस को दी। जिस पर मर्ग क्रमांक 55/ 21 कायम किया गया। विवेचना अधिकारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराने के पश्चात उसे मृतक के परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। हाथी ने बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है।सरकार जंगली जानवरों के हमले में होने वाली मौत के मामले में पुनरीक्षित राशि 4 लाख को संशोधित कर 6 लाख देना शुरू किया है। मौजूदा घटना में मृतक के परिजन (पत्नी)को प्रारंभिक सहायता 25 हजार दी गई है। वहीं हाथियों से दूर रहने और बचाव के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। वन विभाग द्वारा मुनादी कराकर ग्रामीणों से बार-बार रात में जंगल ना जाने की सलाह दी जा रही है। लेकिन ग्रामीण इसकी परवाह ना करते हुए रात में भी जंगल में घूम रहे हैं। फलस्वरूप वन्य प्राणी के हमले का शिकार भी हो रहे हैं।कोरबा जिले के दोनों वनमंडल में हाथियों के उत्पात की समस्या से सरकार और लोगों का सिरदर्द बढ़ा हुआ है। आये दिन जानमाल का नुकसान हो रहा है। उत्पात रोकने के चक्कर में करोड़ों का खर्च करना पड़ रहा है। लेकिन परिणाम जीरो है। जिले में हाथी उत्पात के मामले में हो रही मौतों का विशेषण किया जाये तो इनमें अधिकांश उम्रदराज लोग शामिल है। कुचला

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