छत्तीसगढ़दुर्घटना

हाथियों ने फिर ढाया कहर, रौंदी डेढ़ दर्जन किसानों की फसल… वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश… कुम्भकरणी निद्रा में लीन है वन अधिकारी….

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ब्यूरो रिपोर्ट शंकर भारद्वाज

हाथियों ने फिर ढाया कहर, रौंदी डेढ़ दर्जन किसानों की फसल… वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश… कुम्भकरणी निद्रा में लीन है वन अधिकारी….

कोरबा। वनमंडल कटघोरा के केंदई रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां के कोरबी परिसर में 43 की संख्या में हाथी विचरण कर रहे हैं। इन हाथियों ने बीती रात रेंज के रोदे व डंगोरा गांव में पहुंचकर डेढ़ दर्जन किसानों की फसल रौंद दी जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हाथियों द्वारा रोदे व डंगोरा में फसल रौंदे जाने की सूचना पर वन विभाग का अमला आज सुबह मौके पर पहुंचा और रात में हाथियों द्वारा किये गए नुकसानी का आंकलन शुरू कर दिया है। एक अनुमान के अनुसार हाथियों के उत्पात से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। क्योंकि हाथियों ने उनकी फसल बुरी तरह रौंद डाली है। जानकारी के अनुसार हाथियों के उत्पात व फसल रौंदे जाने की जानकारी ग्रामीणों को आज सुबह तब लगी जब वे अपने खेतों पर पहुंचे तो वहां फसल के स्थान पर उसे रौंदा हुआ पाया और खेतों में हाथियों के पैर के निशान थे। उन्हें समझने में देर नहीं लगी कि हाथियों ने पहुंचकर उनकी मेहनतों व अरमानों पर पानी फेर दिया है। क्षेत्र में हाथी समस्या लगातार बनी हुई है। हाथियों की मौजूदगी से क्षेत्रवासी काफी हलाकान हैं। उनके द्वारा प्रशासन व वन विभाग से समस्या के समाधान के लिए लगातार मांग उठाई जा रही है लेकिन न तो प्रशासन ही इस ओर कोई विशेष ध्यान दे रहा है और न ही वन विभाग। शासन द्वारा हाथी समस्या से निपटने के लिए ग्रामीणों को न तो मशाल दिया जा रहा है और न ही टॉर्च। वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जब भी क्षेत्र में हाथी आने की सूचना मिलने पर पहुंचते हैं। ग्रामीणों की पहली मांग हाथियों को भगाने तथा अपनी सुरक्षा के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाने की होती है। कई बार इसे लेकर वन अमले के साथ झिकझिक भी हो जाता है।


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