छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट ने बिल्हा तहसीलदार के पक्ष में दिया स्थगन का आदेश, 18 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिल्हा तहसीलदार के पक्ष में स्थगन आदेश जारी किया है और उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही इस प्रकरण में शासन व कलेक्टर सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
बिल्हा तहसीलदार सत्यप्रताप राय पर आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर बिल्हा क्षेत्र की शासकीय जमीन, छोटे बड़े जंगल व घास की जमीन को निजी व्यक्ति के नाम कर दिया है। इस पर विभागीय मंत्री जय सिंह अग्रवाल के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। तहसीलदार ने इस निलंबन आदेश को अपने वकील मनोज परांजपे के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने भू-राजस्व अधिनियम के तहत दिए गए न्यायिक अधिकार का उपयोग करते हुए कार्रवाई की है। यदि किसी को रेवेन्यू बोर्ड के आदेश पर आपत्ति है तो उस पर अपील करने का प्रावधान है। लेकिन भू राजस्व अधिनियम के तहत दिए गए फैसले पर अपील स्वीकार होता है या खारिज किया जाता है तो अधिकारी को दोषी मानकर विभागीय कार्रवाई या निलंबन नहीं किया जा सकता।
इसके लिए संबंधित न्यायिक अधिकारी को दोषी भी नहीं ठहराया जा सकता। लिहाजा याचिकाकर्ता के निलंबन की कार्रवाई अवैधानिक है, जिसे निरस्त किया जाए। हाई कोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के पक्ष में स्थगन आदेश दिया है। वहीं आगामी आदेश तक तहसीलदार द्वारा की गई कार्रवाई को बरकरार रखने का आदेश दिया है। प्रकरण में शासन सहित पक्षकारों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

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