छत्तीसगढ़

किसानों का दर्द, देश के आम नागरिकों को समझना भी जरूरी है  विमल साहू

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सवितर्क न्यूज, कमल दुसेजा

सुप्रीम कोर्ट ने समझा किसानों का दर्द, देश के सभी किसानों और आम नागरिकों को समझना भी जरूरी है विमल साहू

किसान आंदोलन में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का विमल साहु ने किया स्वागत रायपुर, छत्तीसगढ़, दिनांक 12 जनवरी 2021। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विमल साहु ने कहा कृषि प्रधान हमारे देश भारत में किसानों की स्थिति पहले ही अत्यंत दयनीय है। देश भर में बिजली, पानी, खाद बीज ,कर्ज , धान खरीदी में अनियमितता आदि समस्याओं से ग्रसित होकर गरीब किसान आए दिन आत्महत्या करते रहते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के किसान विरोधी तीन नए कानून जिसमें किसानों का मंदिर कहा जाने वाली मंडी की व्यवस्था को ही समाप्त कर उद्योगपतियों और बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने वाले इस कानून के साथ ही एमएसपी के संबंध में स्पष्ट रूप से कोई नीति नहीं होने से परेशान देश के किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली में लंबे समय से लगातार आंदोलन कर रहे है।

किसान आंदोलन में अब तक लगभग 40 किसानों ने अपना जीवन त्याग दिया है फिर भी केंद्र सरकार के कान में जूं नहीं रेंगी, ऐसे में देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को इस संबंध में कड़ी फटकार लगाते हुए इस कानून को रोकने की भी चेतावनी दी है

और एक कमेटी बनाने की घोषणा की है जोकि एक अच्छी पहल है। देश के नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करने वाली सर्वोच्च न्यायालय ने किसानों का दर्द समझा और उनके हित में आवश्यक दिशा निर्देश केंद्र सरकार को दिए ।

विमल साहु ने कहा अन्नदाता किसान देश का आधार है, किसान खुश रहेगा तो हमारा समाज और देश खुश रहेगा ऐसी स्थिति में कोई भी सरकार किसानों का अहित करके देश का विकास नहीं कर सकती।

संसद में कानून जनहित में देश की जनता के लिए बनाया जाता है। ऐसा कानून जिसे जनता ही पसंद नहीं करती उस कानून जबरदस्ती नहीं थोपना चाहिए बल्कि किसान विरोधी नए तीन कृषि कानूनों को रोक लगाना चाहिए।

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