छत्तीसगढ़बिलासपुर

शौचालय निर्माण में किया भारी भ्रष्टाचार

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ग्रामीणों ने लगाया आरोप
पूर्व सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक ने की धांधली-◆

निलेश मसीह की रिपोर्ट:-●

रतनपुर कोटा-(सवितर्क न्यूज़) बिलासपुर जिले के कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत गिरजाबंद स्थित नवागांव कर्रा पंचायत के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण में वहां के हितग्राहियों ने पूर्व सरपंच श्रीमती मीना देवी धीवर, सचिव जयंत काछी, वर्तमान व पूर्व रोज़गार सहायक मनोज धीवर पर भ्रष्टाचार का खेल खेलने का भारी आरोप लगाया है। रोज़गार सहायक मनोज धीवर
से बातचीत की गई तो बताया गया कि कुछ एक को छोड़कर ही शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिली है बाकी सब को मिल गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में नवागांव कला पंचायत के ग्राम वासियों द्वारा जिलाधीश महोदय बिलासपुर को भी शिकायत पत्र का आवेदन दिया गया था। जिसमें पूर्व सरपंच मीना देवी धीवर ,नंद कुमार यादव ,जयंत काछी -सचिव, मनोज धीवर -रोजगार सहायक के खिलाफ़ छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण दल बिलासपुर द्वारा ब्लॉक सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता की टीम द्वारा मनरेगा योजना के कार्यों का निरीक्षण किया गया जिसमें 28 जून को ग्रामसभा के बैठक में पंचायत के कार्यों में भारी अनियमितता पाई गई जिसमें यह भी शिक़ायत किया गया था कि शौचालय की पूरी राशि का आहरण नवागांव पंचायत द्वारा कर लिया गया है।

28 अक्टूबर 2020 को ग्रामीणों से पूछताछ की गई। जिसमें पता चला कि बहुत कम हितग्राहियों को ही शौचालय की राशि चटनी चटाने जैसा किया गया है। शौचालय एसबीएम के अंतर्गत किसी के खाते में 2500 किसी को 3500, तो किसी को 500 ईंट, एक से 2 बोरी सीमेंट, किसी को दरवाज़ा दिया गया ।
तो कई लोगों के खाते में कुछ भी रुपए नहीं डाला गया ।
वास्तविक बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वयं के व्यय से शौचालय निर्माण हेतु 12000 की राशि हितग्राहियों के खाते में पंचायत के द्वारा डाली जाती है। लेकिन यहां पूरा खेल भ्रष्टाचार का हो रहा है। ऐसे में नवागांव पंचायत के लोग भ्रष्टाचार का पोल खोलने हेतु एकजुट हुए ।
वर्तमान ग्राम पंचायत सचिव श्रीमती सरस्वती मरकाम से चर्चा करने पर जानकारी मिली कि उन्हें इस पंचायत में आए केवल 2 से 3 माह ही हुए हैं और इन सब की उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है जब उनसे पूछा गया कि यहां पर क्या -क्या विकास हुआ है? तो कहा गया कि विकास के बारे में अभी कुछ भी जानकारी उन्हें नहीं है।

अब देखना यह है कि इन गरीबों को शासन की इन योजनाओं का फायदा कब मिलेगा ?
क्या शौचालय की राशि उनको मिल पाएगी? या मिलेगा भ्रष्टाचार को बढ़ावा ?

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