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शनिदेव को पसंद है ये 1 फूल, चढ़ाने से मिलता है साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा,,,शेषाचार्य जी महाराज

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शनिदेव को पसंद है ये 1 फूल, चढ़ाने से मिलता है साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा,,,शेषाचार्य जी महाराज

वृंदावन धाम:-शनि ऐसा ग्रह है जिसका प्रभाव हर इंसान के जीवन पर पड़ता ही है. ऐसे में शनि देव से डरने के उन्हें प्रसन्न करना चाहिए.

शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है. ऐसा इसलिए कि ये इंसान के कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. जिनके कर्म अच्छे होते हैं उनके ऊपर शनिदेव खुश रहते हैं. वहीं अगर किसी का कर्म बुरा होता है तो शनिदेव उसे माफ नहीं करते. शनि के प्रभाव से कोई इंसान वंचित नहीं रहता, क्योंकि हर 30 साल में शनि सभी राशियों में भ्रमण करते हुए उसी राशि में पहुंच जाते हैं जहां से चले थे. ज्योतिष के मुताबिक शनि ऐसा ग्रह है जिसका प्रभाव हर इंसान के जीवन पर पड़ता ही है. ऐसे में शनि देव से डरने की जरूरत नहीं है. बल्कि शनिदेव को प्रसन्न करना चाहिए. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए बहुत उपाय किए जाते हैं, लेकिन शनिदेव का पसंदीदा फूल चढ़ाने से शनि के सभी दोषों से मुक्ति मिलती है.

शनिदेव को प्रिय है आक का फूल

शनिदेव को आक का फूल बहुत पसंद है. शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में शनिदेव को चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा शनिवार को गुप्त रूप से उड़द की दाल का दान करना चाहिए. इस बात को दूसरों को बताने से बचना चाहिए. क्योंकि इसका बखान करने से दान करने का कोई लाभ नहीं मिलता है.

हर मंगलवार को भैरव देवता की उपासना शनि की क्रूर दृष्टि से बचाता है. इसलिए मंगलवार को भैरव की साधना और इनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसके अलावा रोज शाम को घर में गुगल का धूप जलाएं. अगर कुछ भी नहीं कर पाएं तो मंगलवार को हनुमान चालीसा जरूर करें. इससे शनि की कृपा बनी रहेगी.

2022 में मीन राशि वालों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती

इस साल दो राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है. ये दो राशियां मिथन और तुला हैं, जबकि धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसके अलावा साल 2022 में मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी. साथ ही कर्क और वृश्चिक राशियों पर शनि ढैय्या का प्रभाव रहेगा. साल 2022 में शनि का पहला राशि परिवर्तन 29 अप्रैल को होगा. शनिदेव राशि बदलकर कुंभ राशि में जाएंगे.

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