व्यक्ति का सबसे महान शत्रु आलस्य : ब्रह्माकुमारी मंजू
बिलासपुर. टिकरापारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय टिकरापारा में प्रतिदिन सत्संग प्रारंभ हो चुका है। इस अवसर पर प्रातः काल म्यूज़िकल एक्सरसाइज़ के बाद रविवार विशेष सत्संग क्लास में परमात्म महावाक्य सुनाए गए।
सत्संग सुनने के पश्चात् सभी ने बाबा की कुटिया में बैठकर शांति अनुभूति की। इस अवसर पर परमात्म महावाक्य सुनाते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कहा कि पवित्रता सबसे ऊंचा दैवीय गुण है।
सम्पूर्ण पवित्रता उसे कहा जायेगा जब मन, वचन, कर्म व स्वप्न में भी अपवित्रता का नाम-निशान नहीं होगा। गुस्सा, चिड़चिड़ापन, ईर्ष्या सभी अपवित्रता के ही अंश हैं। आलस्य तो मनुष्य का सबसे महान शत्रु है जो किसी भी गुण को धारण करने में व्यवधान उत्पन्न करता है।
दीदी ने आगे कहा कि सत्संग सुनने से मन को अच्छे विचार मिलते हैं और हमारा दृष्टिकोण बदलता है। अच्छे विचारों से खुशी मिलती है और खुश रहने से शरीर भी स्वस्थ रहता है।
मन को शांति मिलती है और धन में ऐसी शक्ति आ जाती है जो दाल.रोटी में ही 36 प्रकार के भोजन का आनंद अनुभव करते हैं। प्रभु चिंतन व शुभ भावनाओं से बनाया गया भोजन प्रसाद बन जाता है जिससे तन.मन.धन सभी में शक्ति आ जाती है।
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