अन्यछत्तीसगढ़

विदेशी मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंज रहा दलपत सागर:रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, यूरेशियन विगन और गड़वाल पक्षी बड़ी संख्या में पहुंचे बस्तर में…!

Advertisement
रिपोर्टर सतेन्द्र सिंह

विदेशी मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंज रहा दलपत सागर:रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, यूरेशियन विगन और गड़वाल पक्षी बड़ी संख्या में पहुंचे बस्तर में…!
दलपत सागर में इस समय प्रवासी पक्षियों की 3 किस्में बहुतायत से आ रही हैं नजर शहर का सबसे बड़ा तालाब दलपत सागर इन दिनों मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंज रहा है लगभग 8 से 10 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यूरोप से आए इन प्रवासी पक्षियों ने दलपत सागर में डेरा डाला हुआ है।

दलपत सागर में इस समय प्रवासी पक्षियों की 3 किस्में बहुतायत से नजर आ रही हैं इनमें रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, यूरेशियन विगन और गड़वाल प्रमुख रूप से देखने को मिल रहे हैं। यूरेशियन विगन पक्षी की प्रजाति का नाम पेनेलोप है।

इसका यह नाम एक ग्रीक कहानी के आधार पर पड़ा, जिसमें राजा ओडीसीएस की पत्नी पेनेलोप समुद्र में फेंक दी गई थी। वहां से एक बतख ने उसे बचाया था। जिसके बाद से इसे पेनेलोप के नाम से भी जाना जाता है।

इसके अलावा यहां पहुंचे पक्षी की एक और प्रजाति गड़वाल जीवन में सिर्फ एक बार ही जोड़ा बनाता है और जीवन भर साथ निभाता है। दलपत सागर में सैकड़ों की संख्या में अन्य स्थानीय प्रजातियों के पक्षी भी नजर आ रहे हैं इनमें यूरेशियन कूट, लेजर विसलिंग डक और पर्पल हेरान प्रमुख हैं।

संरक्षण की सख्त जरूरत

स्थानीय पीजी कॉलेज में प्राणी विज्ञान विभाग के प्रमुख और पक्षी विशेषज्ञ डॉ. सुशील दत्ता ने बताया कि मेहमान पक्षियों का यहां पहुंचना एक अच्छा संकेत है। फिलहाल यहां नजर आ रहे तीनों प्रवासी पक्षी शाकाहारी हैं। इनके बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है। साथ ही जागरूकता की सख्त जरूरत है, जिससे यह पक्षी हर साल बिना बाधा के यहां पहुंचते रहे और मौसम बदलने पर लौट जाएं।

Related Articles

Back to top button