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लोकसभा में राम मंदिर पर अमित शाह बोले- 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक, धर्म से ना जोड़ा जाए…!

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लोकसभा में राम मंदिर पर अमित शाह बोले- 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक, धर्म से ना जोड़ा जाए…!
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर को लेकर कहा कि यह दिन ऐतिहासिक है. यह आध्यात्मिक चेतना का भी दिन है. उन्होंने कहा कि भगवान राम आम जनमानस के प्राण हैं. शाह ने कहा कि रामायण को कई देशों ने स्वीकारा है. राम के बिना देश का परिकल्पना नहीं हो सकती है. लोकसभा में शाह ने कहा कि राम मंदिर को धर्म से ना जोड़ा जाए. अमित शाह ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई है.

नयी दिल्ली: मौजूदा बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को संसद के दोनों सदनों में अयोध्या स्थित राम मंदिर के ‘ऐतिहासिक’ निर्माण और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर अल्पकालिक चर्चा शुरू हो गई है. लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा शुरू होने पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बोलने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा देखना और पूजा करना ऐतिहासिक रहा.

लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा शुरू होने पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि जहां राम हैं, वहां धर्म है… जो लोग धर्म को नष्ट करते हैं, वे मारे जाते हैं और जो लोग धर्म की रक्षा करते हैं, वे संरक्षित हैं. कांग्रेस की आज इस देश में यह स्थिति है क्योंकि उन्होंने उस समय भगवान राम को अस्वीकार कर दिया था. यह कहते हुए कि भगवान राम हर जगह हैं. भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने शनिवार को पिछले महीने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि यह कोई ‘सांप्रदायिक’ मुद्दा नहीं है. सिंह लोकसभा चुनाव से पहले संसद के चल रहे बजट सत्र के आखिरी सत्र के दौरान राम लला प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा की शुरुआत करते हुए संसद में बोल रहे थे.

उन्होंने संसद में चर्चा के दौरान कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे 22 जनवरी को संसद के अंदर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बोलने का अवसर मिला. अयोध्या में जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा देखना और राम मंदिर में भगवान राम की पूजा करना ऐतिहासिक है.

उन्होंने कहा कि राम कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं हैं; भगवान राम हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. उन्होंने कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे. भाजपा सांसद ने कहा कि राम पर चर्चा भी हम सभी के लिए आशीर्वाद है. राम हमारे लिए एक भावना हैं. यह हमारी विरासत और धरोहर हैं. चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राम हर जगह हैं.

पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2007 में जब राम सेतु परियोजना शुरू की गई थी, तब यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि राम जैसा कोई व्यक्ति नहीं है यह मिथक है.

कांग्रेस महात्मा गांधी के रामराज्य की परिकल्पना पर देश सेवा करती आई है: गौरव गोगोई

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी सर्वधर्म सद्भाव और सभी के सुखी होने की महात्मा गांधी की रामराज्य की परिकल्पना के आधार पर देश की सेवा करती आई है, जबकि भाजपा नीत राजग सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिलाएं सभी के साथ अन्याय और भेदभाव हो रहा है.

गोगोई ने लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर के निर्माण और श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि गत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान जाने से इसलिए रोका गया ताकि उन्हें टीवी चैनलों पर आने का मौका नहीं मिले.

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश का जन्म 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद नहीं हुआ. इस देश का जन्म 22 जनवरी 2024 को नहीं हुआ. राम लला 500 वर्ष पहले भी हमारे साथ थे. आज भी हैं, कल आपकी सरकार जाने के बाद भी हमारे साथ रहेंगे. राम हमारे मन में हैं. उन्होंने प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार की एक कविता के अंश भी पढ़े…

”राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना/ राम त्याग हैं भोग नहीं हैं सुन लेना/ राम दया हैं क्रोध नहीं हैं जग वालों/ राम सत्य हैं शोध नहीं हैं जग वालों/ राम हुआ है नाम लोकहितकारी का/ रावण से लड़ने वाली खुद्दारी का”. गोगोई ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सेवाभाव से गांधीजी के मूल्यों से प्रेरित होते हुए और डॉ. बीआर आंबेडकर से पाठ सीखते हुए भारत के नागरिकों को अधिकार देने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि गांधीजी की रामराज्य की परिभाषा है कि जहां सभी खुश हैं, कोई दुखी नहीं. गोगोई ने कहा कि मेरा हिंदू धर्म सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाता है. इसमें रामराज्य का रहस्य छिपा है. उन्होंने कहा कि भगवान राम की सेना में पिछड़े, वंचित और शोषित लोग थे, उन्होंने सभी को ताकत दी थी, आत्मविश्वास दिया था. गोगोई ने कहा कि यही तो गांधी के रामराज्य की परिभाषा थी. लेकिन आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं. क्या यह रामराज्य है. पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है क्योंकि उनके साथ अन्याय हो रहा है, भेदभाव हो रहा है.

उन्होंने कहा कि रामायण में मां सीता का भी उल्लेख है जिन्होंने अपने संयम और शक्ति को कम नहीं होने दिया. कांग्रेस सांसद ने कहा कि क्या यह अनुभूति महिला खिलाड़ियों समेत देश की महिलाओं को होती है. उन्होंने कहा कि हमारा दल इतने साल से समाज सेवा कर रहा है. हमने बहुत कुछ किया है, बहुत कुछ करना बाकी है. हमें यह कबूल करने में कोई संकोच नहीं है कि हमसे भी कुछ गलती हुई है. इस दौरान सदन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं.

गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी राम मंदिर निर्माण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते हैं, हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि मैं सत्तापक्ष को सतर्क करना चाहूंगा कि हम नाथूराम (गोडसे) का रास्ता छोड़ें. अहंकार के रोग से बचें. रावण को अहंकार ने ही मारा. आपका अहंकार आपको महंगाई, देश में बढ़ती अस्थिरता को देखने से रोकता है.

उन्होंने सरकार के लिए कहा कि हम सेवाभाव से काम करते रहे. आपके पास भी जो थोड़ा समय बचा है, उसमें सेवाभाव से ही काम करें. गोगोई ने यह भी कहा कि भाजपा सदस्यों के ‘जय श्रीराम’ के नारे में कटुता और क्रोध नजर आता है. उन्होंने भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा कि अगर आपकी वाणी में घृणा हो तो आप रामभक्त हो ही नहीं सकते.

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी (22 जनवरी को) अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हो रहे थे तो असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बोर्दोवा थान में श्रीमंत शंकर देव के जन्मस्थान नहीं जाने दिया. गोगोई ने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री ने 22 जनवरी से कुछ दिन पहले मीडिया से कहा था कि 22 जनवरी को राहुल गांधी ने बोर्दोवा थान जाने की इच्छा प्रकट की है, लेकिन जिस समय चैनलों पर प्रधानमंत्री आएं, उसी समय राहुल भी आएं, यह गलत है.

उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमें धर्म का प्रमाणपत्र ये देंगे, हमें मंदिर जाने की अनुमति इनसे लेनी होगी. प्राण प्रतिष्ठा क्या टीआरपी का विषय था. राहुल जी की श्रद्धा में उनकी सरकार ने बाधा क्यों डाली. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का संविधान किसी भी धर्म, पूजा पद्धति और मंदिर में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देता. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के मामले में जो कुछ हुआ, उसका संविधान से लेना देना नहीं है. दुबे ने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है.

इससे पहले, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी दोनों सदनों की शनिवार की संशोधित कार्यसूची में इस चर्चा के बारे में जानकारी दी गई. कार्यसूची में उस दिन सदन में उठाए जाने वाले एजेंडे के मुख्य विषय शामिल होते हैं. आम तौर पर इसे सत्र अवधि के दौरान बैठक की तारीख से दो दिन पहले दैनिक रूप से जारी किया जाता है.

अंतिम एजेंडा कार्य की संशोधित सूची में शामिल होता है और बैठक के पूर्ववर्ती कार्य दिवस पर जारी किया जाता है. लोकसभा में ‘श्री राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने का नोटिस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सत्यपाल सिंह और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे की ओर से दिया गया. श्रीकांत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र हैं.

राज्यसभा में इसी विषय पर अल्पकालिक चर्चा का नोटिस भाजपा सांसदों सुधांशु त्रिवेदी, के. लक्ष्मण और मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा ने दिया है. संसद के उच्च सदन में सरकार की ओर से लाए गए ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ विषय पर भी चर्चा होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इसे राज्यसभा में पेश किया था. भाजपा ने इन विषयों पर चर्चा के दौरान अपने सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है. निचले सदन में ‘अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ विषय पर चर्चा पूरी हो चुकी है.

वित्त मंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए शुक्रवार को विपक्ष पर निशाना साधा था और कहा था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की तत्कालीन सरकार ने कोयले को राख बना दिया था जबकि मौजूदा सरकार ने उसी कोयले को हीरा बना दिया. बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और इसे नौ फरवरी को समाप्त होना था लेकिन उक्त दोनों विषयों के मद्देनजर सत्र को एक दिन बढ़ाकर शनिवार तक कर दिया गया.

कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों के लिए विह्प जारी किया : कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों को विह्प जारी कर कहा है कि वे शनिवार को सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें. मौजूदा बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को संसद के दोनों सदनों में अयोध्या में राम मंदिर के ‘ऐतिहासिक’ निर्माण और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर अल्पकालिक चर्चा की जाएगी.

लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी दोनों सदनों की शनिवार की संशोधित कार्यसूची में यह जानकारी दी गई. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने लोकसभा के अपने सदस्यों के लिए तीन लाइन का विह्प जारी किया है कि वे सदन में मौजूद रहें. दोनों सदनों की बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेता बैठक करेंगे.

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