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रायपुर कोर्ट ने जारी किया सीएम के पिता के रिहा करने का आदेश

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रायपुर कोर्ट ने जारी किया सीएम के पिता के रिहा करने का आदेश

संवाददाता मनोज शुक्ला

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को जमानत मिल गई है। शुक्रवार को रायपुर जिला न्यायालय में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। उनके वकील गजेंद्र सोनकर ने बताया कि कोर्ट ने 10 हजार रुपए की जमानत पेश करने के बाद नंद कुमार बघेल को रिहा करने का आदेश दिया है। नंद कुमार बघेल को जातिगत मामले में टिप्पणी मामले में 3 दिन पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। तब उन्होंने जमानत लेने से इंकार करते हुए जेल जाना कबूल किया था।पिछले महीने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में नंद कुमार बघेल ने कहा था, अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा। हम यह आंदोलन करेंगे। ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा (रूस की एक नदी) भेजेंगे, क्योंकि वे विदेशी हैं। जिस तरह से अंग्रेज आए और चले गए। उसी तरह से ये ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या फिर गंगा से वोल्गा जाने को तैयार रहें।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल के खिलाफ रायपुर के डीडी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया है। नंद कुमार पर सामाजिक द्वेष पैदा करने का आरोप है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505- समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने और धारा 153 ए के तहत सामाजिक तनाव बढ़ाने वाला बयान देने का आरोप है।करीब 3 दिन पहले नंद कुमार बघेल के बयान से नाराज ब्राह्मण समाज ने रायगढ़ में उनका पुतला दहन किया था। FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सिटी कोतवाली का घेराव कर दिया। घंटों चले हंगामे के बाद पुलिस ने समाज के लोगों से शिकायत ले ली थी और कार्रवाई का भरोसा दिया था। हालांकि तब मामला दर्ज नहीं किया गया।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल प्रदेश में अपने बयानों से लगातार विवादों में घिरते रहे हैं। हालांकि यह पहली बार है कि जब उन्हें जेल जाना पड़ा हो। वैसे तो वे पहले से ही ब्राह्मण विरोधी बयान देते रहे हैं, लेकिन पहला चर्चित विवाद 2001 में उनकी पुस्तक ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ था। इस किताब में उनका कहना था कि किताब मनु स्मृति, वाल्मिकीय रामायण, रामचरितमानस और पेरियार की सच्ची रामायण की नए नजरिए से व्याख्या है। हालांकि इस किताब को प्रतिबंधित कर दिया गया। वे महिषासुर, रावण को महान योद्धा भी बता चुके हैं।

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