बिलासपुर

रात में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने बिलासपुर की सड़कों पर लगेगी कैट आई रेडियम डिवाइस

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बिलासपुर।पीडब्ल्यूडी अब शहर और शहर से लगी जगहों पर जहां भी नई सड़क बनाएगा वहां कैट आई रेडियम डिवाइस भी लगाई जाएगी। इससे रात में लोगों को पता चल जाएगा कि कहां गाड़ियों की रफ्तार कम रखनी है और लेफ्ट तथा राइट साइड कौन सी है। इससे सड़क रात में बेहद सुंदर तो दिखेगी साथ में अंधेरे में होने वाली दुर्घटना का खतरा भी कम हो जाएगा।

राष्ट्रीय राजमार्गों में इस तरह की डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। पीडब्लूडी शहर की सड़कों पर सुरक्षा के लिए पहली बार इस डिवाइस का इस्तेमाल करने जा रहा है। सड़क पर रात के वक्त संकेतक सही तरीके से दिखाई नहीं देते, जिससे वाहन चालकों को ज्यादा दिक्कत होती है। लोगों को लेफ्ट और राइड साइड का सही-सही पता नहीं चल पाता। इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। अब पीडब्ल्यूडी नई तरह का रेडियम युक्त डिवाइस सड़कों पर लगाएगा जिसे कैट आई कहते हैं। इस रेडियम डिवाइस के जरिए ही सड़क को लेफ्ट और राइट में बांटा जाएगा।

वहीं स्कूल या आबादी वाली जगहों में इस रेडियम को ऐसे क्रम में लगाया जाएगा कि रात में चलने वाले वाहनों को दूर से यह स्पीड ब्रेकर की तरह दिखेगा। इससे ड्राइवर अपनी रफ्तार कम कर सकेंगे। सड़क के दोनों किनारों पर लगा रेडियम बार्डर की तरह होगा। इससे भी लोगों को सड़क की चौड़ाई और उसके अंतिम छोर का अंदाजा हो जाएगा। इस तरीके को बहुत ही कारगर माना जा रहा है। यही कारण है कि पीडब्ल्यूडी के डिवीजन नंबर एक ने इसे अब अपनी हर नई सड़क पर अपनाने का निर्णय लिया है।

पीडब्ल्यूडी ने शहर में सबसे पहले इसे गांधी चौक से तारबाहर रोड पर प्रयोग के तौर पर लगाया है। यहां स्ट्रीट लाइट लगी होने के बाद भी रेडियम रात में अलग से नजर आता है। लोगों को इससे रात में भी अपनी साइड पर वाहन चलाने में काफी मदद मिल रही है। यही कारण है कि लोग इस काम की सराहना कर रहे हैं।

इन सड़कों पर नजर आएगा रेडियम

0 संजय तरण पुष्कर से सिंधी कॉलोनी

0 उसलापुर रोड से नेहरू चौक

0 महामाया चौक से सेंदरी रोड

कम खर्च में कारगर उपाय

दो से तीन किलोमीटर की सड़क में रेडियम लगवाने का खर्च दो से तीन लाख स्र्पये आता है। सड़क की लंबाई के हिसाब से इसमें खर्च बढ़ता है। रात में रेडियम जितना उपयोगी है उस हिसाब से खर्च को बहुत कम माना जा रहा है। एक बार रेडियम लगाने के बाद यह सालों चलता है। ठेकेदार खुद इसके लिए तीन साल की गारंटी देता है। अगर कोई रेडियम किसी कारण से नहीं चमके तो उसे आसानी से रिप्लेस भी किया जा सकता है।

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