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ED की रेड में IAS अधिकारियों और कारोबारियों के ठिकानों से अब तक साढ़े 6 करोड़ की संपत्ति बरामद…..

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ब्यूरो रिपोर्ट मनोज शुक्ला

ED की रेड में IAS अधिकारियों और कारोबारियों के ठिकानों से अब तक साढ़े 6 करोड़ की संपत्ति बरामद…..

महीनेभर से चल रही थी निगरानीछापेमारी के पहले ईडी की टीम द्वारा महीनेभर रैकी करने की जानकारी मिली है। पुख्ता साक्ष्य जमा करने के बाद बकायदा योजनाबध्द तरीके से दबिश दी गई है। इसकी तैयारी भी पिछले काफी समय से चल रही थी। इसके लिए रायपुर स्थित ईडी दफ्तर में चार अफसरों को पहले तैनात किया गया है।

छत्तीसगढ़ में तीन दिन से चल रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमार कार्रवाई की जानकारी देते हुए शुक्रवार शाम को ईडी ने अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से पहली जानकारी देते हुए लिखा है- ईडी ने तलाशी अभियान चलाया और बेहिसाब नकदी, सोना और जेवरात आदि के रूप में लगभग 6.5 करोड़ रुपए जब्त किए। विशेष अदालत पीएमएलए, रायपुर ने ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए 3 व्यक्तियों (1 आईएएस अधिकारी सहित) को 8 दिनों के लिए हिरासत में लिया है।
ED की रेड में IAS अधिकारियों और कारोबारियों के ठिकानों से बरामद
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मी तिवारी को पूछताछ के लिए 8 दिन के लिए रिमांड पर लिया गया है। उन्हें ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में शाम करीब 3.50 बजे पेश किया। ईडी ने कोर्ट को बताया कि समीर विश्नोई के घर के 47 लाख नगद, 4 किलो सोना, जमीन और लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज मिले है। साथ ही पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगा था।

 वहीं ईडी की टीम छापेमारी के तीसरे दिन कोरबा के कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर स्थित माइनिंग दफ्तर और खनिज न्यास शाखा में पहुंची। इस दौरान माइनिंग से संबंधित दस्तावजों की करीब 5 घंटे तक जांच की गई। साथ ही दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों से फाइलों को मांगकर निरीक्षण किया। बता दें कि रानू साहू रायगढ़ से पहले कोरबा की कलेक्टर थीं। उनके कार्यकाल में हुए विभिन्न टेंडर और वर्कआर्डर की फाइलों को खंगाला जा रहा है। हालांकि रानू साहू के रायगढ़ वापस लौटने के बाद उनके सील किए गए बंगले को नहीं खोला गया है।

ईडी के रिमांड आवेदन का विरोध
ईडी को ओर से सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को बताया गया कि छापेमारी के दौरान समीर विश्नोई के घर के 47 लाख नगद, 4 किलो सोना, जमीन और लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज मिले है। इसकी जांच करने के लिए अतिरिक्त समय का जरूरत है। दस्तावेजों में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए फंडिग करने की जानकारी मिली है। वहीं कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मी तिवारी के घर से संदेहजनक दस्तावेज बरामद होना बताया। इसकी जांच करने तीनों ही आरोपियों को विस्तृत रूप से पूछताछ करनी है। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ईडी झूठे मामले में उनके पक्षकारों को फंसा रही है।

आईएएस समीर विश्नोई के अधिवक्ता एसके फरहान ने कहा कि उनके पक्षकार जांच में सहयोग कर रहे है। इसके बाद भी उन्हें परेशान करने के लिए रिमांड मांगा जा रहा है। पूरे मामले से उनका कोई लेना देना तक नहीं है। फर्जी तरीके से तैयार किए गए दस्तावेजों पर दबाव डालकर हस्ताक्षर करवाया गया है। वहीं कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल के दिल्ली से आए अधिवक्ता विजय अग्रवाल और आयुष जिंदल एवं कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी के फैजल रिजवी ने आरोप लगाया कि उनके पक्षकार के खिलाफ कोई मामला ही नहीं बनता है। ईडी को तलाशी में उनके ठिकानों से नकदी, ज्वेलरी और कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। वह आयकर के पुराने छापेमारी की कार्रवाई के आधार पर उनके छापेमारी कर आरोपी बनाया गया है। कोर्ट में पेश की गई दलील में आईटी द्वारा की गई कार्रवाई का हवाला दिया गया है। इसकी जांच की जिम्मेदारी इनकम टैक्स विभाग की है। इन परिस्थितियों में आयकर का मामला बनता है। मनी लॉन्ड्रिग जैसा कोई प्रकरण ही नहीं है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 8 दिन की रिमांड को मंजूर किया।

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