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मुंगेली जिले के नागरिकों ने सुना मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी

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महिलाओं के सहयोग से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर होगा एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म – मुख्यमंत्री श्री बघेल

(सवितर्क न्यूज, जगदीश देवांगन )

मुंगेली जिले के नागरिकों और महिलाओं के साथ-साथ स्व सहायता समूह की महिलाओं ने से सुना मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी

मुंगेली मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी का प्रसारण आज 14 मार्च को किया गया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल लोकवाणी में मातृ शक्ति-माताओं-बहनों और बेटियों दाई-दीदियो से उनके अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के संबंध में प्रदेशवासियों से बात की।

लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक किया गया।

मुंगेली जिले के नागरिकों, महिलाओं के साथ-साथ विकास खण्ड मुंगेली के महामाया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री बघेल की मासिक रेडियोंवार्ता लोकवाणी को तन्मयता से सुना।

महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्वेक्षक श्रीमति मीरा बंजारा, महामाया स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सीता पाण्डे, सचिव श्रीमति गंगा शिवारे सहित समूह की अन्य महिलाओं ने कहा कि राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान,ग्रामीण आजीविका मिशन, महिला कोष सक्षम योजना, मुख्यमंत्री सामुहिक कन्या विवाह जैसी अनेक योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज प्रसारित रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी में कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के लिए ठोस काम किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी योजनाओं, छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा और यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनिया में नाम कमाएगा।

वनांचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वावलंबन के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं से महिलाएं बड़ी संख्या में स्वावलंबी बन रही हैं।

ग्राम सुराजी योजना, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी और गौठानों में संचालित योजनाओं को माता-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में नारी शक्ति से कोविड-19 टीकाकरण में सहयोग का आव्हान करते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद भी मास्क, सुरक्षित दूरी तथा हाथों को साबुन से बार-बार धोने जैसे उपायों का पालन करते हैं

श्री बघेल ने कहा कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेज की छान-बीन के लिए जो समिति बनाई जाएगी।

महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने का प्रावधान किया गया है।

महिलाओं के लिए आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है। 26 वर्षों बाद प्रदेश में शिक्षकों की स्थायी भर्ती इसके साथ ही साथ पुलिस कर्मियों की भर्ती की रूकी हुई प्रक्रिया शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह में एक लाख 85 हजार महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वावलंबन की गतिविधियों से जोड़ा गया है।

घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नये पदों का सृजन किया गया है।

नये बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में हेल्पडेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। जिनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में 1 लाख बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त साथ ही 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली।

हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य तय किया गया है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में एक ही दिन में 3229 बेटियों के विवाह का कीर्तिमान बना।

लोकवाणी की इस कड़ी में बहुत बड़ी संख्या में माताओं, बहनों और बेटियों ने अपने विचार, अपनी भावनाओं को रिकार्ड किए गए संदेशों के माध्यम से व्यक्त किया। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी को धन्यवाद दिया।

राज्य सरकार ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत ‘अरपा, पइरी के धार, महानदी हे अपार, इंद्रावती ह पखारे तोर पइयां, महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया’ को राज्य गीत घोषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह हमने महिलाओं के प्रति अपनी सरकार की प्राथमिकता को स्पष्टतः घोषित किया है। हमारे छत्तीसगढ़ में दंतेश्वरी- बम्लेश्वरी-महामाया- चंद्रहासिनी- दुर्गा- शीतला और देवी के हर स्वरूप को पूजा जाता है।

इस तरह हमारे जनमानस में मातृशक्ति की आराधना का जो भाव है, उसे हमने नए ढंग से प्रतिष्ठित किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नारी शिक्षा व सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने तो आंगनवाड़ी के स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल की है। आमतौर पर आंगनवाड़ी को शिशुओं के पोषण आहार प्रदाय का केन्द्र माना जाता है, लेकिन हमने आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है।

महात्मा गांधी नरेगा में कन्वरजेंस से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है।

हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के जन्म को सकारात्मक रूप में लेने की प्रेरणा का संचार करने हेतु ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ शुरू की जा रही है। योजना में दूसरी संतान के रूप में बेटी जन्म होने पर आर्थिक मदद की जाएगी। हमने 2023 तक सभी 45 लाख ग्रामीण घरों में नलों से शुद्ध पानी पहंुचाने का लक्ष्य रखा है। मेरा मानना है कि इस सुविधा से महिलाओं को बहुत लाभ मिलेगा। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित है।

उन्होने कहा कि मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत प्रदेश में 20 लाख 2 हजार गरीब परिवारों की एक लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ गई हैं। आप लोगों के द्वारा एक से बढ़कर एक कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत कुल विक्रेताओं में लगभग 45 प्रतिशत की भागीदारी महिलाओं की है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामान्य जोड़े के लिए सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और दिव्यांगजन के लिए 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए की है। मैं चाहूंगा कि सभी बेटियां अपने नए घर-संसार में सुखी रहें। उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2021 को इस योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में 3 हजार 229 बेटियों के हाथ पीले किए गए। गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में छत्तीसगढ़ के नाम यह कीर्तिमान दर्ज किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि निश्चित तौर पर कोरोना-कोविड-19 देश और दुनिया के लिए एक नए तरह का संकट था। इस संकट से निपटने में हमें जो सफलता मिली है, उसमें नारी शक्ति का बड़ा योगदान है।

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