भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी छत्तीसगढ़ की सतरेंगा पर्यटन स्थल
विश्व स्तरीय टूरिज्म सेंटर बनाए जाने के दावे जिस सतरेंगा में किया गया।
शासन की पैसे का दुरुपयोग कर बना दिया सतरेंगा
कोरबा। विश्व स्तरीय टूरिज्म सेंटर बनाए जाने के दावे जिस सतरेंगा में किया गया।
आलम यह रहा कि यहां स्थापित किये गए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और अन्य संसाधनों के परखच्चे उड़ गए।
इससे सवाल उठ खड़ा हुआ कि ऐसे घटिया सामानों की आपूर्ति कराने का ठेका आखिर किसने दिया था।
गनिमत रही कि जिस समय मौसम बदला और यह सब नजारा यहां देखने को मिला, तब मौके पर सैलानी नहीं थे वरना तस्वीर ही कुछ और होती।
दोपहर बाद अचानक धूप गुम हो गई। ठंडक देने वाली हवाएं वातावरण का हिस्सा बन गई और इसी के साथ अंधड़ की शुरुआत हो गई।
नतीजा यह रहा कि विभिन्न क्षेत्रों में राख और धूल ने लोगों को परेशान किया।
कोरबा जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर सतरेंगा के महादेव प्रकृति दर्शन केंद्र में अंधड़ के चलते अच्छा-खासा नुकसान हुआ।
बताया गया कि यहां के डुबान में कुछ ज्यादा ही ऊंची लहर उठी।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म के द्वारा कई करोड़ खर्च करने के साथ यहां फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और दूसरे संसाधन की व्यवस्था पिछले दिनों कराई गई।
मुख्यमंत्री सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने यहां पहुंचकर इसे सराहा था और बाद में घोषणा की थी कि आगामी दिनों में इसे विश्व स्तरीय टूरिज्म सेंटर के रूप में उभारने का काम किया जाएगा।
इसी सतरेंगा में कुछ ही देर के अंधड़ में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बदहाल स्थिति में पहुंच गया।
प्रशिक्षित गोताखोर इन्हें नियंत्रण में करते नजर आए वह भी अपनी जान जोखिम में डालने के बीच।
खबर है कि कुछ स्थानों के कांच टूटकर अलग हो गए तो कुछ दूसरे हिस्से भी पानी में गुम हो गए। यहां पर हुए नुकसान का आंकलन किया जाना बाकी है।
इसी के साथ सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर इस तरह के सामानों की गुणवत्ता का परीक्षण किसके जरिए कराया गया और इसके बाद इसकी आपूर्ति कराई गई।
कई कार्यों पर लगे हैं प्रश्नचिन्ह
सतरेंगा को अलग पहचान देने के लिए जी-जान से कोशिश की जा रही है।
जिला खनिज न्यास की काफी राशि यहां समर्पित की गई। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने बुनियादी सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं देने और यहां बेमतलब के काम कराने को लेकर पिछले दिनों सवाल उठाए थे।
यह बात अलग है कि इस पर संज्ञान नहीं लिया गया।
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