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भूमकाल दिवस के दौरान सीएम विष्णुदेव साय के खिलाफ प्रदर्शन, हसदेव अरण्य की कटाई के खिलाफ गुस्सा

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भूमकाल दिवस के दौरान सीएम विष्णुदेव साय के खिलाफ प्रदर्शन, हसदेव अरण्य की कटाई के खिलाफ गुस्सा
कांकेर : भूमकाल दिवस के दिन फिर एक बार आदिवासियों का गुस्सा सरकार पर फूटा है. कांकेर के घड़ी चौक में भूमकाल दिवस मनाने के बाद हसदेव के जंगल मे पेड़ों की कटाई को लेकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान बीजापुर में छह माह की बच्ची की मौत और झारखंड के पूर्व बीजेपी सांसद के बयान को लेकर आदिवासी छात्र संगठन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और झारखंड के पूर्व बीजेपी सांसद का शव यात्रा निकाली.

सांकेतिक शव यात्रा के बाद पुतला दहन :इस दौरान मौजूद पुलिस ने छात्रों से पुतला छीना. इस दौरान आदिवासी समाज और पुलिस के बीच छीना-झपटी भी होते रही. इसके बाद आदिवासी समाज के लोगों ने मौके पर ही पुतला दहन कर दिया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी. आदिवासी छात्र संगठन के लोगों ने पुतला दहन के बाद नारेबाजी की.

भूमकाल दिवस में क्रांति का आगाज : आदिवासी छात्र संगठन के जिला संरक्षक अनमोल मंडावी ने बताया के मुताबिक समूचा भारतवर्ष जानता है कि आज हमारे वीर शहीद गुंडाधुर का बलिदान दिवस है. जिसे भूमकाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. सबको मालूम है कि उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और अपनी आहुति दी. हमने भी आज क्रांति का एक आगाज किया है.

”सबको मालूम है कि हमने अपने जनप्रतिनिधि को चुनकर विधानसभा भेजा है.जो आज प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.लेकिन आज वो कुछ नहीं कह रहे हैं.हसदेव में कटाई हो रहा है. झारखंड में बीजेपी के एक पूर्व सांसद आदिवासी समाज को लेकर गलत टिप्पणी कर रहे हैं.बस्तर में 5 से 6 फर्जी मुठभेड़ हो रहे हैं. इन सबके विरोध में हमने पुतला दहन किया और शव यात्रा निकाला है.”- अनमोल मंडावी,छात्र नेता

आदिवासी समाज के लोगों ने इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.जिसमें छत्तीसगढ़ का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव जंगल कटाई बंद करने, कोल आवंटन तत्काल रद्द करने, बीजापुर में फर्जी मुठभेड़ में छह माह की बच्ची की हत्या करने वालों को सजा देने, पूर्व सांसद सूरज मंडल के आदिवासियों के खिलाफ बयानबाजी पर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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