बिलासपुर

बिलासपुर सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहा 40 कैदी लापता, पुलिस करेगी अपराध दर्ज

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बिलासपुर। कोरोना काल में पैरोल पर रिहा हुए कैदियों ने अभी तक 40 कैदियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया है। अब जेल प्रबंधन इन कैदियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है और उनके खिलाफ थाने में आपराधिक मामला दर्ज करवाया जाएगा।
कोरोना काल में, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद, राज्य सरकार और जेल प्रबंधन ने हत्या और लूट जैसे गंभीर मामलों के अपराधियों को पैरोल और जमानत के साथ-साथ छोटे मामलों सजा काट रहे कैदियों को रिहा कर दिया था। दरसअल, जेल में भीड़ अधिक होने के कारण संक्रमण फैलने की आशंका थी। इस सुविधा को देने के बाद, कैदियों ने राहत की सांस ली और लगभग छह से सात महीने तक अपने रिश्तेदारों के बीच रहे।
30 नवंबर को, उच्च न्यायालय ने 1 जनवरी तक आत्मसमर्पण करने के लिए राज्य भर में पैरोल और जमानत पर रिहा कैदियों को अंतिम मौका दिया। लेकिन, इस आदेश से असंतुष्ट, कैदियों और रिश्तेदारों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत के रूप में रिहाई को 6 जनवरी और फिर बाद में 23 जनवरी तक बढ़ा दिया।

इसके साथ ही हाईकोर्ट को मामले के निराकरण के आदेश दिए कैदियों के आत्मसमर्पण करने से पहले उच्च न्यायालय ने RTPCR जांच का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने नेगेटिव रिपोर्ट में आने वाले कैदियों को जेल भेजने और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया। अदालत के आदेश के बाद, कैदियों को आत्मसमर्पण करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस अवधि के दौरान, पांच सौ 48 कैदियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 12 कैदी, कोरोना संक्रमित थे ।
उनका कोविड अस्पताल में इलाज चल रहा है। केंद्रीय जेल के प्रभारी अधीक्षक आरआर राय ने कहा कि 40 कैदियों ने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है। उन्हें अंतिम नोटिस भेजा गया है। इसके बाद भी उनके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

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