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बालक आश्रम में मलेरिया का कहर, एक और बच्चे ने दम तोड़ा, 10 दिनों में हुई दूसरी मौत

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मलेरिया से बालक आश्रम के एक और बच्चे की बीजापुर में मौत हो गई

छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मलेरिया का कहर जारी है। मलेरिया पीड़ित सारकेगुडा आश्रम का एक छात्र मोडियम देवा (10 वर्ष) की जिला अस्पताल में रविवार सुबह छह बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। डा अभय तोमर ने बताया कि शनिवार को गंभीर हालत में छात्र को अस्पताल लाया गया था। छात्र बेहोशी की हालत में था। काफी कोशिश के बाद भी छात्र को बचाया नहीं जा सका। परिजनों के साथ एबीईओ, अधीक्षक भी अस्पताल में मौजूद रहे। छात्र का शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

बीजापुर में मलेरिया का आतंक, छात्र और महिला की मौत, स्वास्थ्यकर्मियों को लेकर पहुंचे कलेक्टर

जानकारी अनुसार छात्र सारकेगुडा बालक आश्रम में कक्षा चौथी में पढता था। एक अगस्त से वह बीमार था। बासागुड़ा अस्पताल में मलेरिया का इलाज किया गया था परिजन आश्रम से छुट्टी लेकर बच्चे को अपने गांव डल्ला ले गए थे। सूत्रों ने बताया कि ग्राम डल्ला बासागुड़ा से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है, जहां बारिश पानी में दो नाले पार करना पड़ता है।

स्वास्थ्य विभाग के बासागुड़ा के डा तरुण गोटे ने बताया कि छात्र मलेरिया पीड़ित था। स्वस्थ होकर आश्रम चला गया था। हमने घर जाने के लिए मना किया था कारण छात्र मलेरिया से कमजोर हो गया था जिस अधीक्षक आदि तोकल का कहना है कि मैंने छात्र के बड़े भाई को मना किया था कि गांव न ले जाए, लेकिन झाड़फूंक का बहाना बनाकर लेकर गए। एक अगस्त को छात्र के बीमार होने पर बासागुड़ा स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया गया था। जहां मलेरिया पाज़िटिव निकला था। मलेरिया का इलाज भी किया गया।

बीजापुर जिले में मलेरिया से दो छात्र व एक महिला की मौत 10 दिनों में हुई है। मिरतुर में तामोडी़ आश्रम का एक छात्र की मौत, पुसगुडी की एक महिला की मौत के बाद रविवार को सारकेगुडा आश्रम के छात्र मोडियम देवा की मौत मलेरिया से हुई है। जिले में मलेरिया से तीन की मौत व नेलसनार व बासागुडा क्षेत्र के आश्रम छात्रावास के लगभग 40 बच्चों के मलेरिया से पीड़ित होने जानकारी मिली है।

सूत्रों ने बताया कि सभी का स्वास्थ्य केंद्र में इलाज जारी है। बासागुड़ा के चिकित्सक तरुण गोटे यह भी कहा कि आश्रम छात्रावास के छात्रों के साथ ग्रामीण महिलाएं व दुधमुंहे बच्चे भी सर्दी खासी तथा वायरल फीवर से पीड़ित हो रहे हैं। मौसमी बीमारियों से संबंधित प्रतिदिन मरीज आ रहे है। मरीजों को साफ सफाई और मच्छरदानी का उपयोग तथा उबाल कर पानी पीने की समझाइश दी जा रही है।

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