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बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा के संत साई कृष्ण दास जी व रायपुर मोवा गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथि भाई साहब वासन सिंघ जी विशेष रूप से आए थे सत्संग की शुरुआत

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एक शाम भजन संध्या के नाम

कश्यप कॉलोनी गली नंबर 2 बिलासपुर में सत्संग का आयोजन किया गया
जिसमें बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा के संत साई कृष्ण दास जी व रायपुर मोवा गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथि भाई साहब वासन सिंघ जी विशेष रूप से आए थे
सत्संग की शुरुआत

राधा कृष्णा एवं भगत राम जी के फोटो पर माला पहना कर दीप प्रज्वलित करके की गई
सत्संग में साइन किशोर दास जी नेश्री मुख से भक्ति कीर्तन सत्संग गुरबाणी की अमृत धारा प्रवाहित की दो गुरबाणी से शब्द कीर्तन आरंभ हुआ
हरि नाम सकीर्तन का उद्घोष हुआ
और भक्त माल की बड़ी सुंदर कथा का वर्णन हुआ
एक कथा बुल्ले शाह की बताई
भक्त बुल्ले शाह बड़े परेशान थे कि भगवान को पाऊं भजन करूं या धन समृद्धि की और ख्याल की ओर ख्याल करू

संसार की रीत नित देखू या सांवरे की प्रीत देखू
तब अपने गुरु जी से पूछ ने एवं समाधान करने पहुंचे है सतगुरु
मैं क्या करूं मेरी समस्या दूर कीजिए
उस समय उसके गुरु जी प्याज की खेती कर रहे थे
एक जगह निकल कर दूसरी जगह है वनस्पति लगा रहे थे तब
बुल्ले शाह ने पूछा गुरु जी मैं क्या करूं भगवान को पाना चाहता हूं संसार बीच में आ जाता है
मैं अपने परमात्मा की प्राप्ति कैसे करूं
तब हंसकर गुरु जी कहने लगे
बुल्ले शाह रब की पावना इथे
पट्टिए

उथे लावण आ
अर्थात जैसे में सब्जी एक जगह से निकाल कर दूसरी जगह लगा रहा हूं उसी तरह तुम अपने मन को संसार से हटाकर भगवान में पक्का लगा दो
इतना गहरा ज्ञान इतनी सरलता से पाकर बुल्लेशाह नाचने लगे
सतगुरु के चरणों में गिर पड़े
बार बार शुक्रिया कहने लगे और फिर उस दिन के बाद बुल्ले शाह
एक भक्ति के मार्ग पर चलें फिर कभी उसका मन विचलित नहीं हुआ
और बंदगी करके जिंदगी सफल कर ली
कथा समापन के बाद
साईं जी के द्वारा भक्ति भरे भजन गाय जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे
राधे राधे जब आएंगे तो आएंगे बिहारी
श्याम की राधा बोलो
लाल झूले लाल झूले लाल
आया सभागा निह गुरुण जा सदके सदके

खुशी जी आई बहार ओ

वा वा
बालक गोविंद ने कमली श्याम दी कमली भजन गाकर संगत को भावविभोर कर दिया
इस अवसर पर रायपुर से आए भाई साहब सरदार वशन सिंघ जी ने भी अपनी-अमृतवाणी में
प्रसंग बताया
की किस तरह से गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने अपने शीश देखकर हिंदू धर्म के जनेऊ और तिलक की रक्षा की
उसके बाद गुरु गोविंद सिंह जी महाराज जी ने भी हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण परिवार कुर्बान कर दिया
आज के द्वारा दिए के बलिदान के चलते हिंदू धर्म फल फूल रहा है

लेकिन आज हम इतने कृतघ्न हो गए हैं कि उनकी सारी कुर्बानियों को उनके उपकार को भूल बैठे हैं
गुरुओं का ऐसा इतिहास सुनकर कितने लोगों के रोंगटे खड़े हो गए
धन धन है श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज
जिन्होंने श्री गुरु नानक देव जी की गुरु गद्दी पर एक ऐसा गुरु विराजमान किया जो सारे संसार का मार्गदर्शन कर रहा है
और अनंत काल तक करता रहेगा
और वह गुरु है परम सत्कार योग श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज बस जरूरत है इसके ऊपर श्रद्धा और इसके वचनों पर चलने की

वाहेगुरु नाम जहाज है
जो चढ़े सो उतरे पार
नाम का सिमरन करें एक बार वाहेगुरु बोलने से ही आपके कई सारे पापों का अंत हो जाता है
24 घंटे हैं 1 दिन में उसमें कुछ समय भक्ति के लिए निकालें और गुरु का नाम का सिमरन करें
कार्यक्रम के आखिर में अरदास की गई पल्लोव पाया गया

प्रसाद वितरण किया गया
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा बिलासपुर के सभी सेवादारों का विशेष योगदान रहा इनमें प्रमुख है प्रकाश चावला कुंदन डोडवानी प्रकाश वाधवानी गोपीचंद वाणी यशोमती धिर वाली विक्की नथानी कृपा सीदारा कंचन रोहरा विजय दुसेजा जयराम खत्री मनोहर आडवाणी फेरु आडवाणी धीरज रॊहरा सच्चा नंद मंगलानी
कैलाश मोटवानी यश डोडवानी कीर्ति सिरवनी रितु डोडवानी प्रदीप पंजाबी एवं लोगों का विशेष सहयोग रहा
भवादिया
विजय दुसेजा बिलासपुर से

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