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बांकी मोंगरा क्षेत्र की सड़कों का हाल बेहाल, जान , हथेली में रख कर चलने को मजबूर,,,कुंभकर्णी निंद में सो रहा प्रशासन
पंकज भरद्वाज:कोरबा:-बांकी मोंगरा की चार किमी लंबी सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। यह सड़क ही मड़वाढ़ोढा, पुरैना, गंगानगर, बांकी बस्ती, रोहिना एवं अन्य गांवों को जोड़ती है। बरसात होने पर इस सड़क में पानी भर जाता है और धूप होने पर धूल उड़ती है। इससे आम जनता के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है और लोग काफी आक्रोशित है। तब दिखावे के लिए एसईसीएल ने तुरंत सड़क जीर्णोद्धार के लिए एक टेंडर जारी किया था, लेकिन इसके बाद चुपचाप इसे निरस्त भी कर दिया है और पांच माह बाद भी यह काम आज तक शुरू नहीं हुआ है। अब सड़क की लड़ाई ही एकमात्र विकल्प है।
मार्ग की हालत काफी जर्जर हो चुकी है। बारिश से मार्ग में आवागमन दुश्वार हो गया है। भारी वाहन लगातार मार्ग में फंस रहे हैं। इससे छोटे वाहन चालकों ने इस मार्ग में आवागमन बंद कर दिया। बारिश शुरू होने के साथ ही जिले की सडक़ों की दशा भी सामने आने लगी है। जिले में प्रवेश करने वाली सडक़ों के अलावा अंदरुनी क्षेत्र की सडक़ों की हालत भी काफी दयनीय हो गई है। मार्ग में बारिश का पानी भर जाने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी ही एक सडक़ आदर्शनगर कुसमुंडा से खदान होते हुए गेवरा तक बनी हुई है। टू लेन इस सडक़ में पहले छोटे बड़े सभी वाहन चालक आवागमन करते थे, पर कोयला लोड ट्रेलर, ट्रकों व अन्य भारी वाहनों के लगातार आवागमन करने से मार्ग की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। जगह- जगह गड्ढे हो गए हैं। स्थिति यह है कि गुजरते वक्त भारी वाहन के पहिए पूरी तरह से गड्ढे में घुस रहे हैं और कोई न कोई वाहन फंस रहा है। वहीं वाहनों में टूट फूट होने से वाहन चालकों को दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है। एसईसीएल प्रबंधन ने इस सडक़ की मरम्मत कराने अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की है। इससे वाहन चालक व मालिकों में नाराजगी व्याप्त है। वहीं कुसमुंडा, गेवरा व दीपका में ड्यूटी करने वाले व अन्य लोग इसी मार्ग से आवागमन
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