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बस्तर वासियों को ‘विस्टाडोम’ का तोहफा..किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन के साथ जुड़ी 2 बोगियां.. पहले दिन 12 यात्रियों ने किया सफ़र…

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ब्यूरो रिपोर्ट सत्येंद्र सिंह

बस्तर वासियों को ‘विस्टाडोम’ का तोहफा..किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन के साथ जुड़ी 2 बोगियां.. पहले दिन 12 यात्रियों ने किया सफ़र...

छ्त्तीसगढ़ में बसतर वासियों को रेलवे ने दिवाली पर ‘विस्टाडोम’ का तौफा दिया है। किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन में विस्टाडोम के 2 कोच जोड़े गए हैं। विस्टाडोम के साथ पहली बार ट्रेन जगदलपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। बुधवार की सुबह बस्तर के करीब 10 से 12 यात्री इस विस्टाडोम कोच में सवार होकर विशाखापट्टनम के लिए निकले हैं। इस मौके पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने लोगों को मिठाईयां बांटी।

दरअसल, दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल से विशाखापट्टनम तक एक एक्सप्रेस ट्रेन समेत कुल 2 ट्रेनें चलती है। इनमें दिन में चलने वाली किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन में विस्टाडोम कोच जोड़ा गया है। बताया जा रहा है कि, इस ट्रेन में पहले 12 कोच थे, अब 2 विस्टाडोम कोच जुड़ने के बाद इस ट्रेन में कुल 14 बोगियां हो गई हैं। अब बस्तर के मुसाफिरों को यात्रा करने में और सहूलियत होगी।

ऐसी बड़ी कांच की खिड़कियां होती हैं।

1340 रुपए है टिकट का रेट

इधर, जगदलपुर रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर एम आर नायक ने दैनिक भास्कर को बताया कि, मंगलवार की शाम ट्रेन विस्टाडोम कोच के साथ जगदलपुर पहुंची थी। वहीं आज बुधवार की सुबह लगभग 9:50 से 9:55 के बीच ट्रेन जगदलपुर से विशाखापट्टनम के लिए निकल गई। उन्होंने बताया कि, विस्टाडोम की इन दोनों बोगियों में 44-44 सीटें हैं। एक सीट का टिकट करीब 1340 रुपए है। पहले दिन 10 से 12 यात्री सफर कर रहे हैं।

किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन में कुछ माह पहले ही विस्टाडोम कोच जोड़ा गया था। यह कोच ट्रेन के साथ विशाखापट्टनम से ओडिशा तक ही आता था। लेकिन, किसी कारण के चलते कोच को ओडिशा के एक स्टेशन में खड़ा किया जाता था। अन्य बोगियों के साथ ट्रेन बस्तर आती थी। इसका लाभ बस्तर के लोगों को नहीं मिल पा रहा था। जिसके बाद लोगों ने विस्टाडोम कोच को किरंदुल तक चलाने की मांग की थी। जिसके बाद रेलवे ने 25 अक्टूबर से किरंदुल तक चलाने की घोषणा की थी।

2 कोच जोड़े गए हैं।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

किरंदुल से विशाखापट्टनम तक रेलवे लाइन को बिछे काफी समय हो गया है। किरंदुल से विशाखापट्टनम तक बस्तर, ओडिशा की खूबसूरत वादियां हैं। कई खूबसूरत घाटी से रेलवे ट्रैक गुजरा है। अब इस विस्टाडोम कोच के जुड़ने के बाद पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटक विस्टाडोम से इन जगहों की खूबसूरती को बेहद करीब से देख सकेंगे।

भाजपाइयों ने मिठाई बांटी।

जानिए क्या होता है विस्टाडोम कोच?

विस्टाडोम कोच ऐसे डिब्बे होते हैं जिनमें कांच की चौड़ी खिड़कियां और छतें भी कांच की होती हैं। पारदर्शी छत इसका खास आकर्षण होता है। इसमें लगी कुर्सियां (सीटें) 180 डिग्री तक मूव कर सकती है। जिससे यात्री पूरे रास्ते प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं। विस्टाडोम कोच को लोग भी खूब पसंद करते हैं। लेकिन, इस कोच में यात्री केवल दिन में ही आनंद ले सकते हैं।

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