जगदलपुर नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर और लगभग एक करोड़ रुपए के इनामी माओवादी आनंद उर्फ सुदर्शन की मौत हो गई है। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित नक्सलियों के बेस कैंप में नक्सली लीडर ने दम तोड़ा। नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर आनंद की मौत की पुष्टि की है। आनंद ताड़मेटला, रानीबोदली, टेकलगुड़म, बुरकापाल समेत की नक्सल घटनाओं की प्लानिंग में शामिल था। प्रेस नोट में लिखा है कि इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी की ओर से जारी करीब 32 पन्नों के प्रेस नोट में लिखा है कि आनंद शुगर, बीपी जैसी बीमारियों से ग्रसित था। 31 मई 2023 को आनंद ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सली बेस कैंप में दोपहर 12 बजे अंतिम सांस ली। मौत के बाद नक्सल संगठन ने अपने ही किसी ठिकानों में अंतिम संस्कार कर दिया । हालांकि नक्सलियों ने मौत की तारीख को काल्पनिक बताया है। यानी मौत की असली तारीख क्या है, इसे स्पष्ट नहीं किया गया है। वहीं, पुलिस को मौत की जानकारी नहीं है।
1974 में नक्सली संगठन में आया, फिर वहां बनाया था छात्र संगठन
कट्टम सुदर्शन ने 1974 में नक्सली संगठन में कदम रखा। इसके बाद वहां रहकर छात्र संगठन निर्माण करने में सक्रिय भूमिका निभाई। बाद में बेलमपल्ली पार्टी सेल का सदस्य बनकर सिंगरेणी मजदूर संघ के संघर्ष में शामिल हुआ।
1978 में लक्सेटीपेटा-जगनम इलाके में पार्टी ऑर्गेनाइजर की जिम्मेदारी मिली।
1980 में आदिलाबाद जिला कमेटी का सदस्य और दंडकारण्य इलाकों में नक्स्ली संगठन को बढ़ाया।
1987 में नक्सलियों की दंडकारण्य फॉरेस्ट समिति में चुना गया।
1995 में नक्सलियों की उत्तर तेलंगाना स्पेशल जोनल कमेटी सचिव बना और फिर अखिल भारतीय विशेष अधिवेशन में केंद्रीय कमेटी सदस्य के रूप में चुना गया था।
2001 में नक्सलियों की पोलित ब्यूरो का सदस्य बना और सेंट्रल रीजनल ब्यूरो के सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी।
2007 में केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो सदस्य के बाद मध्य रीजनल ब्यूरो के सचिव बनाया गया।
2017 तक मध्य रीजनल ब्यूरो सचिव बना और फिर पोलित ब्यूरो सदस्य के रूप में काम करता रहा।