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फारूक अब्दुल्ला बोले- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले चुनाव लड़ेगी..!

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फारूक अब्दुल्ला बोले- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले चुनाव लड़ेगी..!
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अपने बल पर चुनाव लड़ेगी. अभी तक इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहे फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जहां तक आगामी संसद चुनावों में सीट बंटवारे का सवाल है, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने बल पर चुनाव लड़ेगी, इसमें कोई दो राय नहीं है.

हालांकि उन्होंने मीडिया से सीट बंटवारे पर आगे सवाल नहीं पूछने के लिए कहा. नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख से पीडीपी और कांग्रेस की उम्मीदों को झटका लगा है, जो सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख की पांच सीटों पर गठबंधन चाहते थे.

गौरतलब है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी आगामी संसद चुनाव एक साथ लड़ने के उद्देश्य से कांग्रेस द्वारा गठित इंडिया गठबंधन की पार्टियां हैं. बता दें कि नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इंडिया गठबंधन की सभी बैठकों में भाग लिया था.

कांग्रेस और पीडीपी के साथ कोई समझौता नहीं करने के फारूक के बयान से नाराज पीडीपी के एक नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस की जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की तुलना में हमेशा सत्ता को प्राथमिकता दी गई है. नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में धर्मनिरपेक्ष दलों का गठबंधन सभी क्षेत्रों के लोगों के अच्छे इरादों के लिए था. लेकिन नेकां ने हमेशा लोगों के हितों पर सत्ता को प्राथमिकता दी है.

पीडीपी अनंतनाग-राजौरी सीट पर एनसी के साथ गठबंधन चाहती थी जहां उसकी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती चुनाव लड़ने वाली हैं. जबकि पार्टी चाहती थी कि एनसी पीडीपी के साथ गठबंधन में श्रीनगर और कुपवाड़ा सीटों पर चुनाव लड़े. वहीं कांग्रेस जम्मू की दो सीटों पर एनसी और पीडीपी का समर्थन चाहती थी और श्रीनगर, कुपवाड़ा को एनसी के लिए छोड़ती. चुनावी बांड प्रणाली को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फारूक अब्दुल्ला ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि सत्तारूढ़ दल को अब अपने बांड जनता को दिखाना चाहिए. किसानों के विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी शिकायतों का समाधान करना चाहिए और एमएसपी और अन्य कानूनों के बारे में उनकी आशंकाओं को दूर करना चाहिए.

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