राजेश देवांगन,कोरबा आज के हालात को देखकर लगता है कि न जाने ये समय इतना कठिन, इतना बेरहम और इतना निर्दयी क्यों हो गया है।ये तस्वीर कोरबा के जिला अस्पताल की है, जहां सरकारी सिस्टम का एक ये लोग जिला अस्पताल परिसर में ही स्थित कोरोना जांच केन्द्र पहुंचे, तब सुबह लगभग साढ़े आठ बज रहे थे। कोरोना जांच केन्द्र 9 बजे शुरू होता है। देवानंद ने बताया कि कोरोना जांच के लिए लाइन में लग गए। इस बीच प्रसूता दर्द से चीखने लगी और कुछ मिनटों में ही वहीं प्रसव हो गया। तब एक व्हील चेयर में उसे बिठाकर मेटरनिटी वार्ड ले गए।बाद में इनकी कोरोना जांच की गई, जिसमें मां व नवजात शिशु दोनों ही निगेटिव पाए गए। प्रसूता व बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ.अरुण तिवारी का कहना है कि पहले भी गर्भवती महिला पाजिटिव मिल चुकी हैं, इसलिए काेराेना की जांच जरूरी है। चेहरा सामने आया। अस्पताल में नकटीखार निवासी गर्भवती गनेशिया बाई मंझवार (27) को सोमवार सुबह प्रसव पीड़ा उठी। पति देवानंद मंझवार की सूचना पर महतारी एक्सप्रेस महिला को लेकर जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड पहुंची। वहां नर्स व कर्मचारियों ने प्रसूता को भर्ती करने की बजाय पहले कोरोना जांच कराकर आने को कहा।ये लोग जिला अस्पताल परिसर में ही स्थित कोरोना जांच केन्द्र पहुंचे, तब सुबह लगभग साढ़े आठ बज रहे थे। कोरोना जांच केन्द्र 9 बजे शुरू होता है। देवानंद ने बताया कि कोरोना जांच के लिए लाइन में लग गए। इस बीच प्रसूता दर्द से चीखने लगी और कुछ मिनटों में ही वहीं प्रसव हो गया।तब एक व्हील चेयर में उसे बिठाकर मेटरनिटी वार्ड ले गए। बाद में इनकी कोरोना जांच की गई, जिसमें मां व नवजात शिशु दोनों ही निगेटिव पाए गए। प्रसूता व बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ.अरुण तिवारी का कहना है कि पहले भी गर्भवती महिला पाजिटिव मिल चुकी हैं, इसलिए काेराेना की जांच जरूरी है।
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