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नाली बनाते बनाते नाला बना दिया,,,भुगत रहे हैं सेमरताल के लोग”ग्रामीणों में आक्रोश

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नाली बनाते बनाते नाला बना दिया,,,भुगत रहे हैं सेमरताल के लोग”ग्रामीणों में आक्रोश

हरीश माड़वा:- बिलासपुर जिले के ग्राम गतौरी से सेमरताल, जलसों होते हुए भरारी तक प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पिछले एक साल से सड़क निर्माण चल रहा है. सड़क निर्माण की धीमी ग णति के कारण ग्रामिणों को कई तरह की परेशानी हो रही है. सड़क निर्माण के चलते ग्रामिणों के द्वारा निजी खर्च से बनाई गई पक्की नालियां भी ठेकेदार के द्वारा तोड़ दिया गया है. बरसात की पानी से सड़क किनारे जलभराव होने लगा. जब गाँववालों ने इस समस्या को अखबार में कराया तो आला अफसरों ने मौके का मुआयना किया. उन्होंने ठेकेदार को शीघ्र सड़क निर्माण के निर्देश दिए. पुरानी नालियों को तोड़ने से पारंपरिक निकासी भी खत्म हो गयी. अब नयी पक्की नाली की मांग की गई तो ठेकेदार ने जेसीबी मंगाकर अटल समरसता भवन के सामने से विवेकानंद चौक तक की बांये तरफ के रहवासियों व दुकानों के सामने की जमींने खोद डाली. ये नाली नहीं नाला हो गया है. जिसकी चौड़ाई चार फीट व गहराई चार फीट है. अब नाली की गहरी खाई की वजह से लोग अपने घर से बाहर निल नहीं पा रहे हैं. गाड़ियां घर में कैद हो गई है.

दुकान भारी प्रभावित हो गया है. ग्राहक दुकान तक नहीं आ पा रहे हैं. गाय बैल व बच्चों के गढ्ढे में गिरने का गंभीर खतरा है. सड़क में मिलने वाली गलियां बंद हो गयी हैं. नाली ही बनाना है ,तो खुदाई के बाद पक्की नाली का निर्माण शुरू हो जाना था, पर पन्द्रह दिन के बाद भी नाली निर्माण सामाग्री और काम का पता नहीं है. ठेकेदार को भले इन समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ता किंतु सेमरताल के लोग बहुत परेशान हैं.ग्राम गतौरी से सेमरताल, जलसों होते हुए भरारी तक प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पिछले एक साल से सड़क निर्माण चल रहा है. सड़क निर्माण की धीमी गति के कारण ग्रामिणों को कई तरह की परेशानी हो रही है. सड़क निर्माण के चलते ग्रामिणों के द्वारा निजी खर्च से बनाई गई पक्की नालियां भी ठेकेदार के द्वारा तोड़ दिया गया है. बरसात की पानी से सड़क किनारे जलभराव होने लगा. जब गाँववालों ने इस समस्या को अखबार में कराया तो आला अफसरों ने मौके का मुआयना किया. उन्होंने ठेकेदार को शीघ्र सड़क निर्माण के निर्देश दिए. पुरानी नालियों को तोड़ने से पारंपरिक निकासी भी खत्म हो गयी. अब नयी पक्की नाली की मांग की गई तो ठेकेदार ने जेसीबी मंगाकर अटल समरसता भवन के सामने से विवेकानंद चौक तक की बांये तरफ के रहवासियों व दुकानों के सामने की जमींने खोद डाली. ये नाली नहीं नाला हो गया है. जिसकी चौड़ाई चार फीट व गहराई चार फीट है. अब नाली की गहरी खाई की वजह से लोग अपने घर से बाहर निल नहीं पा रहे हैं. गाड़ियां घर में कैद हो गई है. दुकान भारी प्रभावित हो गया है. ग्राहक दुकान तक नहीं आ पा रहे हैं. गाय बैल व बच्चों के गढ्ढे में गिरने का गंभीर खतरा है. सड़क में मिलने वाली गलियां बंद हो गयी हैं. नाली ही बनाना है ,तो खुदाई के बाद पक्की नाली का निर्माण शुरू हो जाना था, पर पन्द्रह दिन के बाद भी नाली निर्माण सामाग्री और काम का पता नहीं है. . वैष्णव गाड़ी मैकेनिक योगेश वैष्णव ने कहा कि जब से नाली का गढ्ढा बना है हमारी दुकान नहीं चल रही है. ग्रामीण तुलाराम विश्वकर्मा का कहना है कि ठेकेदार को बरसात से पहले या बरसात के बाद ही नाली बनाना था. कौशिक वस्त्रालय के संचालक मुकेश कौशिक भी नाली के गढ्ढे से परेशान है, उनका कहना है कि ये गढ्ढे जनता के लिए सजा है.ठेकेदार को भले इन समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ता किंतु सेमरताल के लोग बहुत परेशान हैं.

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