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नहीं बनी 8 गांवों को जोड़ने वाली सड़क “ग्रामीणों ने बोला हल्ला….सड़क नही तो वोट नही का नारा लगाते मोलसनार के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान…!

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रिपोर्टर चंपा मरकाम

नहीं बनी 8 गांवों को जोड़ने वाली सड़क “ग्रामीणों ने बोला हल्ला….सड़क नही तो वोट नही का नारा लगाते मोलसनार के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान…!

दंतेवाड़ा जिले में सड़क नही तो वोट नही” जी हां ऐसे ही नारो के साथ दंतेवाड़ा जिले के गांव मोलसनार के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया। पालिका व एनएमडीसी क्षेत्र से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम मोलसनार के ग्रामीणों का सब्र का बांध अब टूट चुका है। बता दे की वर्षो से इस गांव व इसके आस पास बसे गांवों तक पक्की सड़क का निर्माण नही होने से ग्रामीणों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कई जगह तो पुलिए भी नही है। जिसकी वजह से कई गांव बरसात के मौसम में टापू में तब्दील हो जाते है। इस बार गांव वालो ने ठान लिया है की गांव में जब तक सड़क नही बन जाती आगामी सभी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
दरअसल मामला दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से 30 दूर किलोमीटर दूर स्थित मोलसनार गांव का है ग्रामीणों के मुताबिक  विगत 14 वर्षों से सड़क की मांग करते आ रहे है पर राजनीतिक पैठ रखने वाले ठेकेदार के अड़ियल रवैय्ये के चलते आज पर्यंत ग्रामीणों की सड़क नही बन पाई जिसके चलते मोलसनार सहित उदेला गांव के लोगों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है । खराब सड़क की वजह से आपातकाल में एम्बुलेंस चालक गांव तक एम्बुलेंस ले जाने में कतराते है जिससे समय पर इलाज नहीं होने से कइयों की मौत भी हो चुकी है खराब सड़क की वजह से वाहनों की हालत जर्जर हो गई है, अनुविभागीय कार्यालय,बैंक,पोस्ट आफिस,अस्पताल आदि स्थानों में बचेली आनेजाने में बहुत दिक्कत होती है। इसके अलावा ग्रामीण बड़ी संख्या में हाट बाजार के दिन सब्जियां फल आदि बेचने जाते है जिससे उन्हें भरी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

बेहनार गांव में लगाये गए सड़क की तरह जर्जर हालत में लगे बोर्ड के अनुसार प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अम्बिकापुर के ठेकेदार योगेश जायसवाल द्वारा लगभग 6 करोड़ की लागत से बेहनार-मोलसनार से उदेला तक  लगभग 9 किलोमीटर डामरीकृत सड़क 5 अक्टूबर 2018 से निर्माण शुरू किया गया था जो अब तक नही बन सका । वहिं कोवा पारा से बेहनार तक साढ़े 3 किलोमीटर की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क 14 वर्षों से नही बन पाई है । ग्रामीणों की माने तो हर बरसात से पहले केवल गिट्टी लाकर रख दिया जाता है पर सड़क का कार्य कभी शुरू नही हुआ । चर्चा में ग्रामीण बताते है की ठेकेदार मुख्यमंत्री के करीबीयो में से एक है जिसके चलते किसी भी अधिकारियों या जनप्रतिनिधि बात नही सुनता । शुक्रवार को मोलसनार गांव के सैकड़ो ग्रामीणों ने चौपाल लगाकर फैसला करते हुए कहा कि अब सब्र का बांध टूट चुका है कलेक्टर सहित विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुके है पर ठेकेदार से काम करा पाने की हिम्मत किसी मे नज़र नही आती जब तक सड़क बन नही जाती तब तक हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे किसी भी पार्टी को वोट नही देंगे । सड़क किसी भी क्षेत्र विकास की पहली सीढ़ी मानी जाती है इतिहास गवाह है जिस इलाके में सड़क पहुंच जाती है वहां का विकास तेज़ी से होता है । इधर सरपंच मोलसनार राकेश भास्कर  का कहना है कि हमारे चुने हुए जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन से बार बार गुहार लगाने पर भी सड़क निर्माण नही हो रहा है ऐसे में ग्रामीणों को बहुत दिक्कत हो रही है। बाहर के ठेकेदार काम नही करते और सांठगांठ कर पैसा निकाल लेते है।

जनपद सदस्य संजय भास्कर का कहना है कि अंदरूनी नक्सलगढ़ में चुनौतियों का सामना करते हुए सड़क बनाई जा रही है दूसरी तरफ हमारे सम्पूर्ण सहयोग करने और मांग के बावजूद सड़क नही बनाया जाना जिले के अधिकारियों की दोहरी मानसिकता का उदाहरण है।


उपसरपंच राजेश भास्कर का कहना है बार बार कलेक्टर साहब के पास शिकायत की पर ठेकेदार द्वारा केवल गिट्टी लेकर सड़क किनारे रख दिया गया है। अब तो कलेक्टर साहब मिलने का पर्ची भी लौटा दे रहे है अब किससे गुहार लगाएं समझ नही आ रहा। अब बहिष्कार आंदोलन करना ही पड़ेगा।

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