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दो साल बाद भी नहीं मिला कोटमी सोनार चेक पोस्ट बनाने का किराया पांच टीआई और तीन एस पी बदले

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दो साल बाद भी नहीं मिला कोटमी सोनार चेक पोस्ट बनाने का किराया
पांच टीआई और तीन एस पी बदले

जांजगीर चांपा जिले के अकलतरा पुलिस द्वारा 2 साल बाद भी अब तक टेंट हाउस का किराया नहीं दिया गया है जबकि इस बीच पांच टीआई और तीन एस पी बदले चुके हैं । बताया जा रहा है कि मार्च 2020 में जब कोविड-19 की पहली लहर आयी अकलतरा पुलिस के द्वारा स्थानीय कासम टेंट हाउस से टेंट किराये मे लगवाकर पुलिस चेकपोस्ट बनाया गया था । यह चेकपोस्ट कोटमी सोनार में पूरे 75 दिन रहा उसका किराया ₹1.10 लाख हुआ था । तत्कालीन अकलतरा थाना प्रभारी रविंद्र अनंत के द्वारा किराया बहुत ज्यादा है कहते हुए उसे 1.10 से से ₹85,500 करवाया गया । इसके बाद ही थाना प्रभारी रविंद्र अनंत का स्थानांतरण हो गया । कोटमीसोनार टेंट हाउस के मालिक कासम खान ने बताया कि मेरे द्वारा जब अकलतरा थाना किराया लेने के लिए आवेदन लगाया गया उस समय तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र बंजारे ने कहां कि आप एसपी कार्यालय में आवेदन लगाइए एसपी कार्यालय में यह बात रखने पर उन्होंने जिला पंचायत सीईओ से इस से किराया लेने की बात कही । जब मैंने जिला पंचायत सीईओ से किराया देने की बात कही तो उन्होंने भी ने इंकार कर दिया । उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा लगाए गए टेंट हाउस के लिए रुपए देने का हमारे पास कोई प्रावधान नहीं है और उन्होंने टेंट हाउस के मालिक को जांजगीर एस डी एम के पास भेज दिया । टेंट हाउस मालिक ने उसके बाद तत्कालीन एसडीएम जांजगीर मेनका प्रधान से आवेदन लगाया एस डी एम मेनका प्रधान ने पुनः पुलिस विभाग के पास जाने की सलाह दी । इसके बाद फिर टेंट हाउस मालिक तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर से संपर्क किया । इसी बीच पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर का स्थानांतरण हो गया । उनके बाद आये पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर के द्वारा आवेदन तथा बिल जमा कराया गया लेकिन उसके बाद 2 साल के बाद भी आज तक पुलिस चेक पोस्ट का किराया टेंट हाउस मालिक को नहीं मिल सका है । कोरोना महामारी को खत्म अब लगभग 2 साल हो चुके हैं कोविड-19 के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत लोगों के परिजनों को भी सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए बतौर मुआवजा दिया जा चुका है । कोरोना से बचाव के लिए भी शासन ने करोड़ों रुपए पानी के मोल बहाये जो सीधे जिला -जनपद और ग्राम पंचायत रुपी त्रिवेणी बनकर सचिव से लेकर जिला पंचायत सीईओ और सरपंच से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक उस त्रिवेणी में स्नान कर अपने-अपने पाप धोये और धन रुपी पुण्य से सराबोर हो गये लेकिन एक गरीब टेंट हाउस मालिक के 85000 हजार रुपए प्रशासन के किसी भी विभाग से नहीं निकल रहे हैं और इसका कारण है कि यह किसी योजना में नहीं है अन्यथा योजना के नाम 85 हजार के डेढ़ लाख निकाल कर अब तक बंदरबांट कर लिया जाता और किसी को कोई एतराज़ भी नहीं होता ।

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