बिलासपुर

थानों में दिखने लगा आईजी का खौफ, ठगी करने वालों के खिलाफ थानेदार करने लगे एफआईआर दर्ज

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बिलासपुर. आईजी के निर्देश के बाद रेंज के जिलो में लगातार नौकरी के नाम से धोखाधडी करने वालो के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही हैं। कोरबा में एफआईआर के बाद अब जांजगीर और बिलासपुर जिले में भी ठगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं।
आईजी रतन लाल डांगी ने पदभार ग्रहण करने के बाद दिनांक 9 जनवरी को फेसबुक में पोस्ट कर नौकरी के नाम से ठगी करने वालों के खिलाफ सम्बंधित थाने में शिकायत दे कर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा था और एफआईआर दर्ज न होने पर खुद को मैसेज करने के लिए अपना नम्बर जारी किया था। इसका असर दिखना शुरू हो गया हैं। आईजी के पोस्ट करने के 8 दिनों के अंदर 4 एफआईआर रेंज के जिलो में दर्ज हो गयी हैं। थानों में आईजी को शिकायत होने के पहले ही थानेदारों के द्वारा एफआईआर दर्ज कर ली जा रही हैं ताकि कार्यवाही से बचा जा सकें।
रेंज के कोरबा जिले के बालकों थाने में महिला एवं बाल विकास विभाग के महिला सुपरवाइजर पर नौकरी के नाम से 4 लाख की धोखाधड़ी की एफआईआर के बाद जांजगीर में 6 लाख से अधिक और बिलासपुर में सवा लाख की ठगी का मामला दर्ज किया गया हैं।

जांजगीर के मामले की जानकारी देते हुए जांजगीर एसडीओपी दिनेश्वरी नन्द ने बताया कि ग्राम तागा जांजगीर का रहने वाला युवक आकाश श्रीवास पिता राम शंकर श्रीवास बेरोजगार था। इस दौरान उसकी बिलासपुर के मोपका में रहने वाले तिलक चंद आजाद पिता राम लाल टण्डन से जांजगीर के गिरजा होटल में मुलाकात हुई और तिलक ने आकाश को भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। झांसे में आकर आकाश श्रीवास ने अपने पिता राम शंकर के सामने गिरजा होटल में पहली किश्त अगस्त 2019 में 2 लाख 50 हजार रुपये नगद दिए उसके बाद सिपतम्बर में दूसरी किश्त के रूप में 2 लाख रुपये आरोपी के खाते में जमा करवाये। फिर तीसरी किश्त दिसम्बर माह में भी 2 लाख रुपये आरोपी के खाते में जमा करवाये। पर लंबे समय तक नौकरी नहीं मिलने पर रुपये वापस मांगने पर एक 4.50 लाख का व एक दो लाख का चेक दिया था, जिसको बैंक में लगाने पर वह बाउंस हो गया । एसडीओपी दिनेश्वरी नन्द ने बताया की ठगी का एहसास होने पर प्रार्थी ने शिकायत दी जिस पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं।

बिलासपुर में भी हुई एफआईआर

मिली जानकारी के अनुसार सीपत निवासी 31 वर्षीय दुजराम कवर पिता प्रहलाद सिंग ने हायर सेकेंडरी तक कि पढ़ाई की हैं। दुजराम की मुलाकात सुरेखा वर्मा पति राजेश वर्मा से हुई सुरेखा ने दुजराम को लेखापाल की नौकरी दिलवाने के नाम से 1 लाख 25 हजार की मांग की। इस पर दुजराम ने असमर्थता जताई जिस पर सुरेखा ने किस्तों में रकम देने को कहा जिस पर दुजराम मान गया और सुरेखा के बुलाने पर बुधवारी बाजार के महेश स्वीट्स अपने साथियों सकृती सिदार, अजय कुमार कश्यप और कोमल कश्यप के साथ पहुँचा और उनके सामने सुरेखा को एक लाख रुपये दिया। उसके बाद सुरेखा ने उसे इंटरव्यू के नाम से रायपुर बुलाया वहां उसने 25 हजार रुपये लिए और जॉइनिंग के लिए फोन पर बताने को कहा पर लंबे समय तक फोन नहीं आने पर दुजराम को ठगी का एहसास हुआ और बिलासपुर के तोरवा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।

आईजी का मैसेज देख किया एफआईआर

बालको नगर सेक्टर 4 निवासी ममता राठौर को आरोपी रवि प्रताप ने रायपुर मंत्रालय में ग्रेड 2 के पद पर भर्ती निकलने का झांसा दिया साथ ही उक्त पद में भर्ती करवाने की बात कही और रुपये की माँग की। ममता आरोपी के झांसे में आ गयी उसने तीन साल पहले अग्रिम राशि के रूप में एक लाख 20 हजार रूपये दी थी । लम्बे समय तक ममता को नौकरी नहीं लगने पर ठगी का एहसास हुआ, पर मन में एक झिझक थी कि पुलिस में यदि एफआईआर करने जाएंगे तो पुलिस उल्टा उनसे ही सवाल जवाब करेगी और एफआईआर दर्ज नही होगा। पर आईजी ने पदभार ग्रहण करने के बाद फेसबुक में एसे मामलों की शिकायत सम्बंधित थाने में देने के लिए पोस्ट किया और यदि थाने में एफआईआर नही लिखी जाती तो खुद को मैसेज करने के लिए कहा था। जिसके बारे में पता चलने पर ममता ने थाना पहुँच कर एफआईआर दर्ज करवाई।

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