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विधायक के भाई ने को-आपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक को मारा थप्पड़

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विधायक के भाई ने को-आपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक को मारा थप्पड़

(संवाददाता सीता कौशल)

बिलासपुर जिले के जाने-माने बिल्डर और तखतपुर विधायक के भाई चीका बाजपेई ने गुजरे शनिवार को कोआपरेटिव बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक को सीईओ तथा पूरे स्टाफ की उपस्थिति में थप्पड़ मारा । प्रभारी शाखा प्रबंधक ने किसी प्रकार के कार्यवाही से इंकार कर दिया । मिली जानकारी के अनुसार आज को- आपरेटिव बैंक बिलासपुर में आज जाने-माने बिल्डर और तखतपुर विधायक रश्मि सिंह के भाई चीका बाजपेई प्रभारी शाखा प्रबंधक पवन क्षत्रीय से मिलने पहुंचे और कुछ काम को लेकर बहस हुई और इसी दौरान चीका बाजपेई ने शाखा प्रबंधक को थप्पड़ मार दिया जिस वक्त ये सारी घटनाएं हुई उस समय सी ई ओ को-आपरेटिव बैंक बिलासपुर भी मौजूद थे । इस घटना से लोग हैरत में पड़ गये और कोई कुछ बोल नहीं पाया या यूं कहें कि तखतपुर विधायक के भाई और शहर के जाने-माने बिल्डर की धमक और चमक से को-ऑपरेटिव बैंक बिलासपुर के स्टाफ की आंखें और कान बंद हो गये थे बाद में बैंक सीईओ श्रीकांत चंद्राकर और बैंक स्टाफ दो गुट में बंटकर एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे । कर्मचारी संघ का कहना था कि यह घटना सीईओ श्रीकांत चंद्राकर की उपस्थिति में घटित हुई है और सीईओ चंद्राकर ने इसका कोई विरोध नहीं किया है जबकि सीईओ श्रीकांत चंद्राकर का कहना है कि कर्मचारी संगठन जो भी एक्शन लेना चाहें मैं उनके साथ हूं लेकिन इस मामले में सभी इस घटना पर मिट्टी डालने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि सभी जानते है कि बिलासपुर के पानी में रहकर यहां के बड़े मगरमच्छों से बैर मोल लेना सबको मंहगा पड़ सकता है ।

कर्मचारी संघ को मिला मौका
सीईओ के खिलाफ जहर उगलने का

चीका बाजपेई द्वारा किये गये थप्पड़ कांड में को-ऑपरेटिव बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर से खुन्नस खाये कर्मचारी संघ को सीईओ के खिलाफ जहर उगलने और उन्हें यहां से अन्यंत्र भगाने का सुनहरा अवसर मिल गया है
बताया जा रहा है कि वर्तमान। सीईओ श्रीकांत चंद्राकर एक साल पूर्व यही पदस्थ थे । को-ऑपरेटिव बैंक बिलासपुर के कर्मचारी संघ की मनमानी सीईओ श्रीकांत चंद्राकर के रहते नहीं चल रही थी जिस कारण उन्हें सीईओ की उपस्थिति रास नहीं आ रही थी इसलिए कर्मचारी संघ ने “लेना-देना”कर सीईओ श्रीकांत चंद्राकर का स्थानांतरण रायपुर करवाया लेकिन घाघ सीईओ श्रीकांत चंद्राकर को भी बिलासपुर की आबोहवा इतनी रास आ गयी थी कि उन्होंने साल भर के भीतर अपना स्थानांतरण फिर बिलासपुर करवा लिया । इतनी मेहनत और लेन-देन कर पीछा छुडाये सीईओ के फिर बिलासपुर आने को कर्मचारी संगठन बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है यही कारण है कि चीका बाजपेई के थप्पड़ कांड में को-ऑपरेटिव बैंक बिलासपुर के कर्मचारी संघ भी सीईओ श्रीकांत चंद्राकर को भगाने मौका देख रहे हैं और इस मामले को सीईओ की निष्क्रियता और कर्मचारी विरोधी हरकत के रुप में देख रहे हैं जबकि स्वयं एक्शन लेने पहल नहीं कर रहे हैं ।

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