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*ठेका मजदूरों के लंबित वेतन भुगतान की मांग : एसईसीएल को ज्ञापन सौंपकर 2 मार्च को खदान बंद करने की चेतावनी दी सीटू ने*

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*ठेका मजदूरों के लंबित वेतन भुगतान की मांग : एसईसीएल को ज्ञापन सौंपकर 2 मार्च को खदान बंद करने की चेतावनी दी सीटू ने*

कोरबा। कोयला श्रमिक संघ (सीटू) के नेतृत्व में एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के अंतर्गत सदभाव कंपनी लिमिटेड में कार्यरत ड्राइवरों सहित अन्य ठेका कर्मचारियों ने तीन माह से लंबित वेतन भुगतान करने और ईपीएफ में केवायसी की समस्या को हल करने रैली निकाल कर गेवरा प्रोजेक्ट ऑफिस में प्रदर्शन किया

और ज्ञापन सौंपकर समस्या हल न होने पर 2 मार्च को गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी दी है।

कोयला श्रमिक संघ (सीटू) के क्षेत्रीय सचिव जनाराम कर्ष ने बताया कि एसईसीएल गेवरा क्षेत्र अंतर्गत सदभाव कंपनी लिमिटेड में ड्राइवरों सहित 400 मजदूर कार्यरत है,

जिन्हें दिसंबर माह से वेतन नहीं मिला है, जिससे मजदूरों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। इसी तरह लगभग 200 मजदूरों के ईपीएफ का केवायसी नहीं हुआ है

, जिसके कारण मजदूरों का ई पी एफ अंशदान नहीं हो पा रहा है और मजदूरों के लाखों रुपयों का कोई हिसाब-किताब नहीं है।

इस समस्या को लेकर सीटू ने प्रबंधन को 10 दिन पहले भी ज्ञापन दिया था, लेकिन प्रबंधन ने मजदूरों की समस्या को हल करने की कोई पहल नहीं की, जिससे मजदूरों में काफी आक्रोश है।

सीटू नेता ने बताया कि मजदूरों के वेतन एवं ईपीएफ की मांग को लेकर आज गेवरा सीटू कार्यालय से आज सैकड़ों मजदूरों ने रैली निकाली, जिन्हें प्रोजेक्ट ऑफिस बैरियर के पास रोक दिया गया।

मजदूरों ने वहीं नारेबाजी करते हुए जबर्दस्त प्रदर्शन किया, जिसके बाद एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट के उप महाप्रबंधक (कार्मिक) एस.परिडा और श्रीकांत मालेपाका ने मजदूरों के बीच पहुँच कर ज्ञापन लिया

तथा ठेका मजदूरों की मांगों पर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया।

रैली का नेतृत्व जनाराम कर्ष, विमल सिंह, एस सामंता, एस आर खरे, बसंत दुबे, संतोष मिश्रा, टी सी सूरज आदि सीटू नेताओं ने किया।

उन्होंने कहा कि इस कंपनी का नाम तो सद्भाव है, लेकिन काम मजदूरों के बीच अशांति फैलाने का कर रही है, जिसका जवाब यहां के मजदूर 2 मार्च से गेवरा खदान को बंद करके देंगे।

इस आंदोलन के लिए एसईसीएल प्रबंधन जिम्मेदार होगा, जिसका सद्भाव कंपनी पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और वह मजदूरी हड़पने में लगी हुई है।

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